जान जोखिम में डाल कर बच्चे जा रहे स्कूल
श्रीबिजयनगर.
शहर के आन्नद नगर के विधार्थी पढाई करने के लिए प्रतिदिन अपनी जान जोखिम मे डालकर विद्यालय पंहचते है जिसका मुख्य कारण श्रीबिजयनगर मे रेलवे ओवरब्रिज का न होना । जानकारी के अनुसार श्रीबिजयनगर के नहर के दूसरी तरफ स्थित कॉलोनियों के बच्चे प्रतिदिन विद्यालय जाने के लिए रेल पटरियों से गुजर कर जाते है जिससे सदैव अनहोनी की आंशका बनी रहती है इसके अलावा उसी समय रेल का समय होता है जिस समय बच्चों का विद्यालय जाने का समय होता है । सुबह सवा ७ बजे बठिंडा की और जाने वाले ट्रेन का समय होता है और इसी दौरान स्कृली बच्चे यहा से अपना सफर तय करते है, अगर अभी इस पर रोकथाम के लिए प्रयास नही किए गए तो मासुम बच्चे कभी भी ट्रेन की चपेट मे आ सकते है ।
वहीं दूसरी और रेल लाइन पार मेन रोड या बस अड्डे पर जाने के लिए लोगों को रेल नियमों का हर रोज उल्लंघन करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण मेन रोड से कस्बे में प्रवेश करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा बनाए गए दोनों रेलवे क्रॉसिंग बहुत दूर होना है। जैतसर-श्रीबिजयनगर मार्ग पर 28 जीबी की पुलिया के पास बने रेलवे क्रॉसिंग और रायसिंहनगर मार्ग पर करणी जी नहर के पुल के पास बना क्रॉसिंग दोनों ही शहर के हृदय स्थल से पांच सौ मीटर से अधिक दूरी पर हैं। जबकि कस्बे के मुख्य मार्ग जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से नगर पालिका के आगे से होकर आता है, वहां से सीधे मेन रोड पर आने अथवा बस अड््डे पर जाने के लिए अवैध रूप से बने रेलवे क्रॉसिंग को पार करना पड़ता है। रेलवे लाइन पार करने के बाद दो सौ क्यूसेक पानी की क्षमता वाली करणी जी नहर पर चार फुट चौड़ाई का कच्चा-पक्का पुल बना है, उससे गुजर कर जाना पड़ता है। कई बार यह काफी जोखिम भरा हो जाता है। विशेषरूप से जब कस्बे से अनाज या अन्य खाद्यान्न दूसरे शहरों में ले जाने के लिए जब कभी मालगाड़ी का रैक लगता है, तब हालात और भी विकट हो जाते हैं।
यह रेलवे ट्रैक दो से तीन दिन तक खड़ा रहता है। मालगाड़ी के डिब्बे जैतसर और रायसिंहनगर मार्ग पर स्थित क्रॉसिंग के ठीक मध्य में लगाए जाते हैं, जहां वषों से नागरिकों ने अवैध क्रॉसिंग बना रखी है। मालगाड़ी की बोगी इस अवैध मार्ग के ठीक सामने आने के बाद लोग डिब्बे के नीचे से जान जोाखिम में डाल कर यहां से गुजरते हैं। कई बार हड़बड़ी में लोग रेल लाइन से या वहां पड़े पत्थरों से टकराकर चोटिल भी हो चुके हैं।
इस अवैघ क्रॉसिंग से मात्र 50 फीट की दूरी पर स्टेशन मास्टर एवं 50 मीटर की दूरी पर पुलिस थाना है, लेकिन कोई भी अधिकारी नागरिकों को जान जोखिम में डालकर अवैघ क्रॉसिंग को पार करने से नहीं रोकता। (एसं.) ओवरब्रिज बने तो मिले राहत श्रीबिजयनगर स्टेशन पर ओवरब्रिज की जरूरत वर्तमान मे है नागरिक अपनी जान जोखिम मे डालकर गाडी के नीचे से निकलते है, रेलवे विभाग को पूर्व मे पत्र भेज निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के साथ ही ओवरब्रिज के निर्माण करवाने की मांग की गई है- रामदास सोनी, पार्षद, नगरपालिका, श्रीबिजयनगर
शहर के आन्नद नगर के विधार्थी पढाई करने के लिए प्रतिदिन अपनी जान जोखिम मे डालकर विद्यालय पंहचते है जिसका मुख्य कारण श्रीबिजयनगर मे रेलवे ओवरब्रिज का न होना । जानकारी के अनुसार श्रीबिजयनगर के नहर के दूसरी तरफ स्थित कॉलोनियों के बच्चे प्रतिदिन विद्यालय जाने के लिए रेल पटरियों से गुजर कर जाते है जिससे सदैव अनहोनी की आंशका बनी रहती है इसके अलावा उसी समय रेल का समय होता है जिस समय बच्चों का विद्यालय जाने का समय होता है । सुबह सवा ७ बजे बठिंडा की और जाने वाले ट्रेन का समय होता है और इसी दौरान स्कृली बच्चे यहा से अपना सफर तय करते है, अगर अभी इस पर रोकथाम के लिए प्रयास नही किए गए तो मासुम बच्चे कभी भी ट्रेन की चपेट मे आ सकते है ।
वहीं दूसरी और रेल लाइन पार मेन रोड या बस अड्डे पर जाने के लिए लोगों को रेल नियमों का हर रोज उल्लंघन करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण मेन रोड से कस्बे में प्रवेश करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा बनाए गए दोनों रेलवे क्रॉसिंग बहुत दूर होना है। जैतसर-श्रीबिजयनगर मार्ग पर 28 जीबी की पुलिया के पास बने रेलवे क्रॉसिंग और रायसिंहनगर मार्ग पर करणी जी नहर के पुल के पास बना क्रॉसिंग दोनों ही शहर के हृदय स्थल से पांच सौ मीटर से अधिक दूरी पर हैं। जबकि कस्बे के मुख्य मार्ग जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से नगर पालिका के आगे से होकर आता है, वहां से सीधे मेन रोड पर आने अथवा बस अड््डे पर जाने के लिए अवैध रूप से बने रेलवे क्रॉसिंग को पार करना पड़ता है। रेलवे लाइन पार करने के बाद दो सौ क्यूसेक पानी की क्षमता वाली करणी जी नहर पर चार फुट चौड़ाई का कच्चा-पक्का पुल बना है, उससे गुजर कर जाना पड़ता है। कई बार यह काफी जोखिम भरा हो जाता है। विशेषरूप से जब कस्बे से अनाज या अन्य खाद्यान्न दूसरे शहरों में ले जाने के लिए जब कभी मालगाड़ी का रैक लगता है, तब हालात और भी विकट हो जाते हैं।
यह रेलवे ट्रैक दो से तीन दिन तक खड़ा रहता है। मालगाड़ी के डिब्बे जैतसर और रायसिंहनगर मार्ग पर स्थित क्रॉसिंग के ठीक मध्य में लगाए जाते हैं, जहां वषों से नागरिकों ने अवैध क्रॉसिंग बना रखी है। मालगाड़ी की बोगी इस अवैध मार्ग के ठीक सामने आने के बाद लोग डिब्बे के नीचे से जान जोाखिम में डाल कर यहां से गुजरते हैं। कई बार हड़बड़ी में लोग रेल लाइन से या वहां पड़े पत्थरों से टकराकर चोटिल भी हो चुके हैं।
इस अवैघ क्रॉसिंग से मात्र 50 फीट की दूरी पर स्टेशन मास्टर एवं 50 मीटर की दूरी पर पुलिस थाना है, लेकिन कोई भी अधिकारी नागरिकों को जान जोखिम में डालकर अवैघ क्रॉसिंग को पार करने से नहीं रोकता। (एसं.) ओवरब्रिज बने तो मिले राहत श्रीबिजयनगर स्टेशन पर ओवरब्रिज की जरूरत वर्तमान मे है नागरिक अपनी जान जोखिम मे डालकर गाडी के नीचे से निकलते है, रेलवे विभाग को पूर्व मे पत्र भेज निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के साथ ही ओवरब्रिज के निर्माण करवाने की मांग की गई है- रामदास सोनी, पार्षद, नगरपालिका, श्रीबिजयनगर
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