Sunday, May 21, 2017

एसबीसी के 400 अभ्यर्थियों को ओबीसी कैटेगरी में नियुक्ति दो

एसबीसीके 1252 विवादित पदों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर नियुक्ति देने के मद्देनजर गुर्जरों ने राज्य सरकार से मांग रखी है कि करीब 400 अभ्यर्थी, जो ओबीसी की वरीयता सूची में रहे हैं, उन्हें ओबीसी कैटेगरी में नियुक्ति दी जाय। उधर राज्य सरकार इस मुद्दे पर कानूनी राय लेने का मन बना रही है क्योंकि एसबीसी की पांचों जातियां ओबीसी से निकलकर एसबीसी में आई थी। सरकार के मंत्रियों अफसरों ने भी कानूनी राय लेना उपयुक्त माना है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर 2016 को एसबीसी आरक्षण खत्म कर दिया था और इस फैसले के विरोध में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, जहां यह मामला लंबित है।

अब देवनारायण योजना पर भी विवाद

सालाना200 करोड़ रु. की इस योजना पर भी विवाद शुरू हो गया है। जिलाें में तैनात अधिकारियों ने राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है कि योजना में फायदा दें या नहीं। इस विवाद के बीच गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने राज्य सरकार को एक प्रजेंटेशन भेजा है, जिसमें कहा गया है कि देवनारायण योजना को एसबीसी आरक्षण से जोड़कर देखा जाय। ये योजना एसबीसी आरक्षण से पहले, चौपड़ा कमेटी की सिफारिशों पर 18 दिसंबर 2007 को शुरू हुई थी। एसबीसी आरक्षण विधेयक 25 जुलाई 2008 को आया, उसके एक साल बाद आरक्षण लागू हुआ और 10 अक्टूबर 2009 कोे इस पर हाई कोर्ट ने स्टे लगाया था। उसके बाद 6 मई 2010 को 1 प्रतिशत एसबीसी आरक्षण मिला है। समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह के अनुसार फिलहाल इस योजना में 41 हॉस्टल, 9 - 9 आवासीय विद्यालय और विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप मिल रही है। राज्य सरकार की एसबीसी सब-कमेटी के मंत्री पूर्व में कह चुके हैं कि देवनारायण योजना कल्याणकारी है, इसलिए इसे बंद करने की कोई मंशा नहीं है। 

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