धर्म स्थलों की तर्ज पर स्कूलों में ‘दान पेटियां’
जयपुर | धार्मिकस्थलों पर गुप्त दान के लिए लगाई जाने वाली पेटियों की तर्ज पर अब स्कूलों में भी दान पेटियां लगाई जाएंगी। स्कूलों में रखी जाने वाली इन पेटियों को अक्षय पेटिका नाम दिया जाएगा। दानदाता इन पेटियों में गुप्त दान दे सकेंगे। यही नहीं लोग जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ, पदोन्नति की खुशी या अन्य किसी समारोह पर इस पेटिका में राशि डाल सकते हैं। धौलपुर जिले के सैंपऊ गांव के स्कूल से प्रेरणा लेते हुए शिक्षा विभाग ने इसे लगाने की कवायद शुरू की है। सैंपऊ में पहली बार इस प्रकार की पेटिका लगाई गई थी। स्कूलों में लगने वाली इस पेटिका की राशि में कोई गड़बड़ी नहीं हो, इसके लिए उस पर दो ताले लगाए जाएंगे। एक ताले की चाबी संस्था प्रधान और दूसरे ताले की चाबी विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति या विद्यालय प्रबंधन समिति के मनोनीत सदस्य के पास रहेगी। इसके लिए सदस्य का मनोनयन इन समितियों की बैठक में प्रस्ताव लेकर किया जाएगा। इस पेटिका इन समितियों की बैठक में खोला जाएगा। इस पेटिका में आने वाली राशि विधिवत एक रजिस्टर में प्रविष्ट की जाएगी और स्कूल के लिए आकस्मिक और अतिरिक्त व्यय के लिए काम में ली जा सकेगी। विभाग का मानना है कि स्कूलों में वार्षिकोत्सव, गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस सहित अन्य कार्यक्रमों में सहायता प्रोत्साहन राशि प्राप्त होती है, लेकिन इसके संग्रहण की व्यवस्था सुव्यवस्थित नहीं होती, लेकिन पेटिका की व्यवस्था होने से ना केवल इस राशि को सुव्यवस्थित रूप से संग्रहित किया जा सकेगा। विद्यार्थी, अभिभावक, किसी भी समुदाय का सदस्य, स्कूल को दी जाने वाली सहायता को सार्वजनिक नहीं करना चाहता। इस पेटिका में सहायता राशि डाल सकता है। इस पेटिका को स्कूल के सरस्वती मंदिर, कार्यालय कक्ष के बाहर लगाया जा सकता है। फिलहाल प्रदेशभर के 14500 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में यह पेटिका लगाने की तैयारी है।
^अक्षयपेटिका का प्रत्येक स्कूल में संधारण होने से क्राउड फंडिंग व्यवस्थित हो सकेगी। सैपऊ के स्कूल की इस पहल को सामाजिक सरोकारों का स्वरूप देकर स्कूल प्रबंधन में समुदायों की भागीदारी को बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही स्कूल के आकस्मिक और अतिरिक्त व्यय के लिए पेटिका में आने वाली राशि को जरूरत के अनुसार खर्च किया जा सकेगा। नथमलडिडेल, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
^अक्षयपेटिका का प्रत्येक स्कूल में संधारण होने से क्राउड फंडिंग व्यवस्थित हो सकेगी। सैपऊ के स्कूल की इस पहल को सामाजिक सरोकारों का स्वरूप देकर स्कूल प्रबंधन में समुदायों की भागीदारी को बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही स्कूल के आकस्मिक और अतिरिक्त व्यय के लिए पेटिका में आने वाली राशि को जरूरत के अनुसार खर्च किया जा सकेगा। नथमलडिडेल, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
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