Saturday, May 27, 2017

आज जारी होगा CBSE 12वीं का रिजल्ट, मॉडरेशन सिस्टम लागू रहेगा

नई दिल्ली.   लंबे इंतजार के बाद सीबीएसई का रिजल्ट रविवार को जारी होने वाला है। बोर्ड पहले ही कह चुका है कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करेगा और इस बार मॉडरेशन पॉलिसी को फॉलो किया जाएगा। बता दें कि इस साल अप्रैल में एचआरडी मिनिस्ट्री की मीटिंग हुई थी, जिसमें इसी साल से इस पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। यहां देख सकते हैं रिजल्ट...

 

 

- सीबीएसई के 12th क्लास का रिजल्ट देखने के लिए स्टूडेंट्स को बोर्ड की ऑफिशियल साइट cbse.nic.in या cbseresults.nic.in पर जाना होगा।

- इसके बाद “Senior School Certificate Examinations (Class 12) Results 2017 (All Regions)” टैब सिलेक्ट करें।  
- यहां रोल नंबर और बाकी जानकारियां भरने के बाद रिजल्ट और ग्रेड देखी जा सकती है। चाहें तो इसका प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।

 

पिछले साल लड़कियों ने बाजी मारी थी

- इस साल 10 लाख 98 हजार 891 स्टूडेंट्स शामिल हुए। 

- पिछले साल सीबीएसई 12वीं में 10 लाख 65 हजार 179 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इनमें से 83.05% स्टूडेंट्स पास हुए थे।

- लड़कियों का परफाॅर्मेंस लड़कों से बेहतर रहा था। 88.58% लड़कियां पास हुई थीं। 78.85% लड़के पास हुए थे। 
- सबसे बढ़िया परफॉर्मेंस तिरुवनंतपुरम रीजन की रही थी। इसका रिजल्ट 97.61% रहा। इसके बाद चेन्नई का रिजल्ट 92.63% रहा थी।

 

Q&A: क्या है मॉडरेशन पॉलिसी और इस बार क्यों हुआ विवाद?

 

Q. क्या होती है मॉडरेशन पॉलिसी?
- मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस मार्क्स दिए जाते रहे हैं। इसी के साथ अगर क्वेश्चन पेपर में कोई सवाल गलत होता है, तब भी मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को मार्क्स दिए जाते हैं। 

- सीबीएसई के अलावा भी कई बोर्ड मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स देते हैं। मॉडरेशन पॉलिसी की मदद से स्टूडेंट्स को अच्छे मार्क्स लाने में काफी मदद मिलती है।

 

Q. कैसे मिलते हैं ग्रेस मार्क्स?
- हर साल सीबीएसई क्वेश्चन पेपर के तीन सेट डिजाइन करता है। इन तीनों सेट में से एक सेट सबसे मुश्किल होता है। हर साल मुश्किल प्रश्नों को लेकर सीबीएसई के पास शिकायतें आती हैं। 

- मुश्किल क्वेश्चन्स को लेकर सीबीएसई के पास कई शिकायतें आती हैं। इनके रिव्यू के लिए एक कमेटी बनाई जाती है। कमेटी को लगता है कि क्वेश्चन पेपर वाकई मुश्किल था, तो इस आधार पर स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं।

 

Q. इससे मार्क्स पर कितना असर पड़ता है?
- 15% तक मार्क्स बढ़ सकते हैं।

 

Q. मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला कब हुआ?

- अप्रैल में एचआरडी मिनिस्ट्री की बैठक हुई थी। इसमें सीबीएसई समेत कई राज्यों के दूसरे बोर्ड्स ने भी मॉडरेशन पॉलिसी खत्म करने का फैसला किया था। इसके बाद सीबीएसई ने फैसले को लागू करते हुए यह पॉलिसी खत्म कर दी थी। 

 

Q. क्यों हुआ विवाद?
- मॉडरेशन पॉलिसी के खत्म होने से स्टूडेंट्स के मार्क्स का परसेंटेज कम हो जाता। ऐसे में एक पैरेंट्स ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई थी। उनका कहना था कि नोटिफिकेशन से नियम बदला तो स्टूडेंट्स पर गलत असर होगा। 

 

Q. मॉडरेशन पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने क्या कहा था? 
- कोर्ट ने कहा, "बीच में नियम नहीं बदले जा सकते हैं। जिन बच्चों ने आधी रात तक जाग कर तैयारी की। उन्हें पता होना चाहिए कि बोर्ड का सिस्टम कैसे काम कर रहा है। बोर्ड इस साल पॉलिसी वापस नहीं ले सकता है। ऐसा कर आप बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। पॉलिसी चेंज करने से अगर कोई स्टूडेंट विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिला पाने से चूक गया तो ये उसके लिए तबाही से कम नहीं होगा। जिन बच्चों ने परीक्षा दी है, उन्हें परेशानियों में मत डालो।"

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