यूके-यूएस जैसे बनेंगे राजस्थान के सरकारी स्कूल: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि हमको अमरीका, यूके से सीख लेनी चाहिए। वहाँ राष्ट्रपति तक के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। राजस्थान के सरकारी स्कूलों को भी ऐसा बनाएंगे, जिससे हर वर्ग का बच्चा वहीं पढ़े। भामाशाह, अभिभावक, विद्यार्थी और शिक्षकों के कारण ही आज प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
शिक्षा की बैठकों में जब दिल्ली जाते हैं तो बार-बार राजस्थान की उपलब्धियों का नाम लिया जाता है। मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार को बिड़ला सभागार में आयोजित 23वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 109 भामाशाहों को सम्मानित किया। इन भामाशाहों ने सरकारी स्कूलों के विकास के लिए 62 करोड़ 32 लाख रुपए का सहयोग किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शाला दर्पण और शाला दर्शन पोर्टल, उत्कृष्ट एवं आदर्श विद्यालय, बीएड इंटर्नशिप कार्यक्रम, शैक्षिक उन्नयन, सरकारी स्कूलों में पीटीएम तथा स्मार्ट क्लास जैसे सफल नवाचारों की सराहना पूरे देश में हो रही है। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य होने जा रहा है जहाँ ‘एजुकेशन फेस्टिवल’ जैसा महत्वपूर्ण आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारी शिक्षा प्रणाली को ग्लोबल एजुकेशन से जोड़ने का ज़रिया बनेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुस्तिका ‘प्रशस्तियां’ का विमोचन भी किया।
समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आए गुणात्मक सुधारों और लागू किए गए नवाचारों के कारण सरकारी स्कूलों में अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का विश्वास कायम हुआ है। साथ ही नवाचारों की देशभर में गूंज है। इस कारण पिछले तीन सालों में नामांकन 12 लाख बढ़ गया और इस साल 8 लाख और बढ़ जाएगा। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा राजहंस उपाध्याय, शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार सहित भामाशाह एवं उनके परिजन, शिक्षक, अभिभावक और विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
शिक्षा की बैठकों में जब दिल्ली जाते हैं तो बार-बार राजस्थान की उपलब्धियों का नाम लिया जाता है। मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार को बिड़ला सभागार में आयोजित 23वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 109 भामाशाहों को सम्मानित किया। इन भामाशाहों ने सरकारी स्कूलों के विकास के लिए 62 करोड़ 32 लाख रुपए का सहयोग किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शाला दर्पण और शाला दर्शन पोर्टल, उत्कृष्ट एवं आदर्श विद्यालय, बीएड इंटर्नशिप कार्यक्रम, शैक्षिक उन्नयन, सरकारी स्कूलों में पीटीएम तथा स्मार्ट क्लास जैसे सफल नवाचारों की सराहना पूरे देश में हो रही है। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य होने जा रहा है जहाँ ‘एजुकेशन फेस्टिवल’ जैसा महत्वपूर्ण आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारी शिक्षा प्रणाली को ग्लोबल एजुकेशन से जोड़ने का ज़रिया बनेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुस्तिका ‘प्रशस्तियां’ का विमोचन भी किया।
समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आए गुणात्मक सुधारों और लागू किए गए नवाचारों के कारण सरकारी स्कूलों में अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का विश्वास कायम हुआ है। साथ ही नवाचारों की देशभर में गूंज है। इस कारण पिछले तीन सालों में नामांकन 12 लाख बढ़ गया और इस साल 8 लाख और बढ़ जाएगा। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा राजहंस उपाध्याय, शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार सहित भामाशाह एवं उनके परिजन, शिक्षक, अभिभावक और विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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