जोधपुर के 'गुरुजी' को क्यों आ गया 'गुस्सा' ... हो गए मजबूर कुछ एेसा करने को
जोधपुर ।
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प्र्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को आयोजित काउंसलिंग में पैराटीचर्स को ग्राम पंचायत से हटा कर दूर दराज लगा दिया गया, जिसका पैराटीचर्स ने जम कर विरोध किया। उन्होंने शिक्षा विभाग के खिलाफ जम कर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। दरअसल पैराटीचर्स का कहना था कि उनका मानदेया 6500 है, जिसमें 30 किलोमीटर जाना संभव नहीं है। एेसे में या तो मानदेय बढ़ा दिया जाए या फिर उन्हें उनकी ग्राम पंचायत से हटाया ही ना जाए।
सवा दो घंटे में 10 की काउंसलिंग
प्र्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने सवा दो घंटे में महज 10 शिक्षकों की काउंसलिंग की। इसके बाद यहां मौजूद शिक्षक संगठनों ने काउंसलिंग रुकवा दी। इन सबका कहना था कि कम मानदेय में दूर जाकर नौकरी करना संभव नहीं है।
ना पानी ना हवा
काउंसलिंग के दौरान शिक्षकों को गर्मी में झुलसना पड़ा। 38 डिग्री तापमान के बावजूद यहां ना पानी की व्यवस्था थी और ना ही पंखे और कूलर की। शिक्षकों ने इन अव्यवस्थाओं और खामियों के लिए भी रोष प्रकट किया।
शिक्षा सचिव को दिखाए जूते
पैराटीचर्स की काउंसलिंग में कुल 142 शिक्षक मौजूद थे। इन्होंने शिक्षा सचिव सहित अन्य शिक्षा अधिकारियों को जूते दिखाकर अपना विरोध जताया। इस दौरान जिला परिषद सीईओ ने उनसे समझाइश भी की। प्रदर्शन में लगभग सभी शिक्षक संगठनों ने पैराटीचर्स के समर्थन में आक्रोश दर्ज कराया। इसमें राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के रूपाराम रलिया व त्रिलोक राम नायल, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ शंभू सिंह मेड़तिया व संतोक सिंह व राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के मनीष कुमार आचार्य और जसवंत सिंह भाटी शामिल थे।
प्र्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को आयोजित काउंसलिंग में पैराटीचर्स को ग्राम पंचायत से हटा कर दूर दराज लगा दिया गया, जिसका पैराटीचर्स ने जम कर विरोध किया। उन्होंने शिक्षा विभाग के खिलाफ जम कर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। दरअसल पैराटीचर्स का कहना था कि उनका मानदेया 6500 है, जिसमें 30 किलोमीटर जाना संभव नहीं है। एेसे में या तो मानदेय बढ़ा दिया जाए या फिर उन्हें उनकी ग्राम पंचायत से हटाया ही ना जाए।
सवा दो घंटे में 10 की काउंसलिंग
प्र्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने सवा दो घंटे में महज 10 शिक्षकों की काउंसलिंग की। इसके बाद यहां मौजूद शिक्षक संगठनों ने काउंसलिंग रुकवा दी। इन सबका कहना था कि कम मानदेय में दूर जाकर नौकरी करना संभव नहीं है।
ना पानी ना हवा
काउंसलिंग के दौरान शिक्षकों को गर्मी में झुलसना पड़ा। 38 डिग्री तापमान के बावजूद यहां ना पानी की व्यवस्था थी और ना ही पंखे और कूलर की। शिक्षकों ने इन अव्यवस्थाओं और खामियों के लिए भी रोष प्रकट किया।
शिक्षा सचिव को दिखाए जूते
पैराटीचर्स की काउंसलिंग में कुल 142 शिक्षक मौजूद थे। इन्होंने शिक्षा सचिव सहित अन्य शिक्षा अधिकारियों को जूते दिखाकर अपना विरोध जताया। इस दौरान जिला परिषद सीईओ ने उनसे समझाइश भी की। प्रदर्शन में लगभग सभी शिक्षक संगठनों ने पैराटीचर्स के समर्थन में आक्रोश दर्ज कराया। इसमें राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के रूपाराम रलिया व त्रिलोक राम नायल, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ शंभू सिंह मेड़तिया व संतोक सिंह व राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के मनीष कुमार आचार्य और जसवंत सिंह भाटी शामिल थे।
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