स्कूल ड्रेस के रंग के फेर में फंसे अभिभावक
बाड़मेर.
सरकारी स्कूलों में गणेवश बदलाव का आदेश अभिभावकों के लिए परेशानी बन गया है। परेशानी यह हो गई है कि जो रंग विभाग के आदेश में बताया गया था, सैम्पल में भेजे गए कलर से मैच नहीं करता है। जिसके कारण अभिभावक परेशान हो रहे हैं। स्कूल खुलने के बाद बच्चों के लिए कईयों ने ड्रेस के लिए कपड़ा तो किसी ने रेडिमेड ड्रेस ही खरीद ली। अब बच्चे नई ड्रेस पहनकर स्कूल जा रहे हैं तो अध्यापक उनको घर भेज रहे हैं कि यूनिफॉर्म का रंग अलग है। आदेश अनुसार ही ड्रेस का रंग होना चाहिए। इसके चलते बच्चों के साथ अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है।
मनमर्जी से ले आए कपड़ा
कई दुकानदारों ने स्कूल की नई पोशाक को अपने हिसाब से तय कर लिया और कपड़ा ले आए। अभिभावक इनके पास कपड़ा लेने पहुंचे तो जो उपलब्ध था वो दे दिया। इसमें अधिकांश ने तो गहरा कत्थई और मैहरून रंग का कपड़ा दिया। जिसका पोशाक के रंग से दूर-दूर तक लेना-देना ही नहीं। अभिभावक कपड़ा लेकर अब वापस आ रहे हैं । जिन्होंने पोशाक सिलवा ली वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
क्या है सरकारी आदेश में
शिक्षा निदेशालय की ओर से नवीन सत्र में छात्रों के लिए पैंट या हॉफ पैंट कत्थई रंग तथा शर्ट हल्का भूरे रंग का निर्धारित किया है। वहीं छात्राओं के लिए सलवार, स्कर्ट व चुन्नी कत्थई रंग की तथा कुर्ता या शर्ट हल्के भूरा रंग का होना चाहिए। इस प्रकार के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से समस्त ब्लॉकों में भेजे जा चुके हंै।
जहां पहुंचानी थी जानकारी वहां नहीं दी
गणवेश परिवर्तन होने के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों को इसका सैम्पल भेज दिया गया। यह सैम्पल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी तक पहुंच गया। लेकिन कपड़े के नमूनों को लेकर अभिभावकों को कोई जानकारी नहीं मिली। इसलिए अभिभावकों ने बाजार में नई ड्रेस के अनुसार जो कपड़ा या रेडिमेड यूनिफॉर्म मिल रही है, उसे खरीद लिया। अब ड्रेस का रंग ही परेशानी बन गया है।
आदेश में कुछ, सैम्पल में कुछ और
आदेश में कत्थई कलर की पैंट बताई गई है। जबकि निदेशालय की ओर से भेजे गए सैंपल में पैंट का रंग डार्क ब्राउन नजर आ रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों के साथ अभिभावक व शिक्षकों के लिए भी परेशानी बनी हुई है कि आखिर कौनसे रंग की गणवेश सही है।
ये भी हुआ
आदेश के बाद व्यापारियों ने बड़ी मात्रा में कपड़ा खरीद लिया। कई व्यापारी तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने बकायदा यूनिफॉर्म की सिलाई करवा कर भी रख लिया। जिससे अभिभावक को आते ही सीधे कपड़े की बजाय ड्रेस ही दे दी जाए। अब यही ड्रेस दुकानदारों के लिए समस्या बन गई है। जो अभिभवक खरीदकर ले जाते हैं, लेकिन रंग दूसरा होने पर वापस ला रहे हैं।
वापस ला रहे हैं यूनिफॉर्म
सरकारी आदेश के अनुसार हमने कपड़ा खरीदकर यूनिफार्म की सिलाई कर दी। कई विद्यार्थी गणवेश लेकर गए लेकिन अब दूसरा रंग बताकर वापस दे रहे हैं।-गणेश दर्जी, निम्बल कोट कपड़ा व्यापारी
सभी परेशान हैं
सरकारी आदेश में जो लिखा था उसके अनुसार कपड़े का स्टॉक खरीद लिया। लेकिन विभाग में जो सैम्पल आया है वो दूसरा है। सभी परेशान हो रहे हैं।- भेराराम देवासी, कपड़ा व्यापारी
ब्लॉक मुख्यालय पर सैंपल भेजे हैं
सरकार के निर्देशानुसार जो आदेश आया है उसके अनुसार गणवेश जारी की गई है। सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर सैम्पल भेजे जा चुके हंै। उसके अनुसार ही गणवेश खरीदें।- ओमप्रकाश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक
आदेश में है वही लागू होगा
निदेशालय से जो आदेश प्राप्त हुए हैं उसके अनुसार गणवेश लागू की गई है। सैम्पल देखकर ही गणवेश खरीदनी चाहिए। -प्रेमचंद सांखला, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक
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