जोधपुर में यूं बनाया जा रहा था शिक्षा के मंदिर का मजाक, बच्चों के भविष्य से किया खिलवाड़
जोधपुर
जिले में कई स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं और बहुत से स्कूल केवल विद्यार्थियों के नाम ऑन रिकार्ड रख कर उन्हें दूसरी जगह से शिक्षण करवा रहे हैं। एेसी ही एक शिकायत के आधार पर बापिणी ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी नारायणसिंह ने बरसिगों का बास स्कूल की जांच की। इस संबंध में बीईईओ ने जोधपुर जिला शिक्षा अधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपी है। इस विद्यालय के पास किसी तरह की मान्यता नहीं थी।
बीईईओ नारायणसिंह सिसोदिया ने बताया कि 21 जून को वैलकम भाटी शिक्षण व विकास संस्थान का रजिस्ट्रेशन पाया गया। स्कूल में मौके पर 73 छात्र-छात्राएं बैठे हुए पाए गए। जबकि यहां किसी तरह से विद्यार्थियों का रिकार्ड नहीं पाया गया। ज्यादातर बच्चे छह वर्ष से कम आयु के पाए गए। स्कूल ने मौके पर ऑनलाइन आवेदन करना बताया, लेकिन इसकी हार्डकॉपी व आवेदन सम्बंधित अन्य दस्तावेज मौके पर नहीं पाए गए। इस जगह कुछ शिक्षक पढ़ाते हुए भी मिले।
बीईईओ नारायणसिंह ने कहा कि आरटीई नियम के तहत बगैर मान्यता विद्यालय संचालन करना गलत है। राजकीय नियमानुसार बगैर मान्यता विद्यालय संचालन व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना उचित नहीं है। उन्होंने स्कूल को हिदायत दी कि विद्यालय में नामांकित बच्चों का नजदीक के सरकारी या मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिला कर मान्यता की प्रकिया पूरी करने तक स्कूल बंद रखें।
उन्होंने कहा कि बिना मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालन करने के संबंध में संबंधित पुलिस थाने में और विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बीईईओ सिसोदिया ने बताया कि मौके पर उपस्थित शिक्षकों ने ट्यूशन करने का हवाला दिया। उन्होंने पूछा था कि स्कूल समय में कैसा ट्यूशन है। मौके पर एसआर रजिस्ट्रर, फीस संबंधित रिकार्ड व हाजरी रजिस्टर इत्यादि कुछ नहीं मिला।
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