बोले शिक्षा मंत्री देवनानी-स्कूल में स्टूडेंट्स पढ़ेंगे महर्षि परशुराम की जीवनी
अजमेर।
शिक्षा एवं पंचायती राज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि युवा पीढ़ी को महर्षि परशुराम के जीवन चरित्र एवं आदर्शों से सीख लेने की आवश्यकता है।
धर्म की रक्षा के लिए महर्षि परशुराम का योगदान भारतीय संस्कृति में अद्वितीय है। अगले सत्र से स्कूलों के पाठ्यक्रम में महर्षि परशुराम का पाठ जोड़ा जाएगा।
साथ ही उनसे संबंधित पुस्तकें सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में भी रखवाई जाएगी। देवनानी ने यह बात भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में महर्षि परशुराम जयंती पर राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल तोपदड़ा में आयोजित कार्यक्रम में कही।
देवनानी ने कहा कि महर्षि परशुराम शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता थे। जब-जब धर्म संकट में आया उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अद्वितीय योगदान दिया।
कोई भी पुराण परशुराम के बिना पूरा नहीं होता। युवा पीढ़ी को धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए परशुराम से यह सीख लेनी चाहिए।
शिक्षा एवं पंचायती राज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि युवा पीढ़ी को महर्षि परशुराम के जीवन चरित्र एवं आदर्शों से सीख लेने की आवश्यकता है।
धर्म की रक्षा के लिए महर्षि परशुराम का योगदान भारतीय संस्कृति में अद्वितीय है। अगले सत्र से स्कूलों के पाठ्यक्रम में महर्षि परशुराम का पाठ जोड़ा जाएगा।
साथ ही उनसे संबंधित पुस्तकें सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में भी रखवाई जाएगी। देवनानी ने यह बात भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में महर्षि परशुराम जयंती पर राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल तोपदड़ा में आयोजित कार्यक्रम में कही।
देवनानी ने कहा कि महर्षि परशुराम शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता थे। जब-जब धर्म संकट में आया उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अद्वितीय योगदान दिया।
कोई भी पुराण परशुराम के बिना पूरा नहीं होता। युवा पीढ़ी को धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए परशुराम से यह सीख लेनी चाहिए।
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