उच्च न्यायालय ने दिए आदेश, अगामी भर्ती होने तक वर्तमान पदों पर कार्य करते रहेगें कार्मिक
टोंक
टोंक. जिले की गणेती ग्राम पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में निजी सहभागिता (पीपीपी मोड़) पर कार्यरत संविदा कार्मिकों की सेवा समाप्ति से जुड़े मामले में उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राज्य सरकार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी टोंक को आदेश दिए हैं कि वे कार्मिकों से सीधे अनुबंध करें। आगामी भर्ती तक मौजूदा पदों पर उन्हें कार्य करने दें। अदालत ने इस बारे में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन को दो माह में निस्तारित करने के भी स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश गणेती प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पीपीपी मोड़ पर संविदा के आधार पर कार्य कर रहे सरजीतप्रसाद गुर्जर तथा 9 अन्य कार्मिकोंं की ओर से अधिवक्ता लक्ष्मीकान्त शर्मा के जरिए दायर याचिका की सुनवाई के बाद निस्तारण करते हुए दिए हैं। याचिका में बताया था कि याचिकाकर्ता करीब एक वर्ष से पीपीपी मोड़ पर डॉ. एस. पी. सुद्रेना के अधीन संविदा पर कार्य कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक ने गत 6 अप्रेल को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन संतोषजनक नहीं होना बताकर 4 मई 2017 के बाद इनका अनुबंध निरस्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए। अनुबंध निरस्त किए जाने से याचिकाकर्ताओं की भी सेवाएं समाप्त हो रही हैं। अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के साथ विभाग सीधा अनुबंध करे और याचिका में उठाए गए मामले का दो माह में निपटारा करे।
टोंक. जिले की गणेती ग्राम पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में निजी सहभागिता (पीपीपी मोड़) पर कार्यरत संविदा कार्मिकों की सेवा समाप्ति से जुड़े मामले में उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राज्य सरकार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी टोंक को आदेश दिए हैं कि वे कार्मिकों से सीधे अनुबंध करें। आगामी भर्ती तक मौजूदा पदों पर उन्हें कार्य करने दें। अदालत ने इस बारे में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन को दो माह में निस्तारित करने के भी स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश गणेती प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पीपीपी मोड़ पर संविदा के आधार पर कार्य कर रहे सरजीतप्रसाद गुर्जर तथा 9 अन्य कार्मिकोंं की ओर से अधिवक्ता लक्ष्मीकान्त शर्मा के जरिए दायर याचिका की सुनवाई के बाद निस्तारण करते हुए दिए हैं। याचिका में बताया था कि याचिकाकर्ता करीब एक वर्ष से पीपीपी मोड़ पर डॉ. एस. पी. सुद्रेना के अधीन संविदा पर कार्य कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक ने गत 6 अप्रेल को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन संतोषजनक नहीं होना बताकर 4 मई 2017 के बाद इनका अनुबंध निरस्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए। अनुबंध निरस्त किए जाने से याचिकाकर्ताओं की भी सेवाएं समाप्त हो रही हैं। अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के साथ विभाग सीधा अनुबंध करे और याचिका में उठाए गए मामले का दो माह में निपटारा करे।
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