अब आंगनबाड़ी कर्मियों की मांग- राज्य कर्मचारी बनाए जाए हमें, मानदेय कम से कम 15,000 हो
जयपुर.
दुनियाभर में एक मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। ऐसे में छोटे तबके के लोग स्वयं को सशक्त कराने की उम्मीद लिए सरकार की देहरी खटखटाते हैं। हालांकि, राजस्थान में आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने भी स्वंय को तत्काल राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग की है।
मानदेय कम से कम पन्द्रह हजार करे सरकार: संघ
राजधानी में आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने रविवार को मांग की कि उनका मानदेय कम से कम पन्द्रह हजार रुपए किया जाना चाहिए। अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के संस्थापक संरक्षक छोटेलाल बुनकर ने हथरोई क्षेत्र के एक होटल में सरकार के लिए यह कहा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में आंगनबाड़ी महिलाओं को मात्र 4300 रुपए का मानदेय मिलता है। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि महिला पर्यवेक्षक के रिक्त 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकताओं से भरे जाएं, आशा सहयोगनियों को एएनएम के समकक्ष मानते हुए चिकित्सा विभाग में पदस्थापन किया जाए, एएनएम भर्ती में बीस प्रतिशत पद आशाओं के लिए आरक्षित कर शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश देने चाहिए।
प्रदेशाध्यक्ष शशि योगेश्वर ने बताया कि यदि सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंगनबाड़ी महिला 3 मई, 14 व 15 जून को सांकेतिक कार्य बहिष्कार करेंगी। यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो तीन माह बाद हड़ताल की जाएगी।
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