शिक्षा विभाग ने तीसरी बार बदली स्थानीय परीक्षा परिणामों की तिथियां, अब 4 मई को होंगे जारी कक्षा 6, 7, 9 व 11 के परिणाम
बीकानेर
शिक्षा विभाग में तय समय पर शायद ही कोई काम होता होगा। परीक्षा करवाने से लेकर परिणाम जारी करने तक का कैलेण्डर जारी किया जाता है लेकिन शिक्षा सत्र समाप्त होते-होते कैलेण्डर की तय तिथियों पर कार्य सम्पन्न नहीं हो पाते।
शिक्षा निदेशालय में बैठे आला अधिकारी बिना कोई अन्वेषण किए परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण तिथियां तक तय कर देते है फिर बाद में उन्हें बदलना पड़ता है। ये प्रवृति पिछले दो सालों से ज्यादा बढ़ गई है।
परीक्षा तिथियों में संशोधन तो निदेशालय पहले ही किया जा चुका है। अब जब परिणाम घोषित करने का समय आया तो तिथियां तीसरी बार बदली गई है। पहले स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम पूरे राज्य में एक साथ 29 अप्रेल को जारी करने के आदेश थे।
फिर इन तिथियों में आंशिक संशोधन कर स्थानीय अवकाश वाले जिलों में 28 अप्रेल को परिणाम घोषित करने की तिथियां निर्धारित की गई तथा शेष जिलों में 29 अप्रेल की तिथि रखी गई।
इसके बाद 27 अप्रेल को शिक्षा निदेशालय ने फिर आदेश जारी कर राज्य में 1 मई को परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए कहा। अधिकारियों को 1 मई की तिथि भी रास नहीं आई और अगले ही दिन 28 अप्रेल को तीसरी बार आदेश जारी कर स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम 4 मई को जारी करने के निर्देश दिए गए है।
जिले के विद्यार्थी पहुंचे स्कूलों में
पहले से निर्धारित तिथियों के अनुसार जिले के विद्यार्थी शुक्रवार को अपने परीक्षा परिणाम जानने के लिए स्कूलों में पहुंचे। संस्था प्रधानों ने उन्हें 1 मई को परिणाम घोषित करने की जानकारी दी। परन्तु शाम तक निदेशालय ने इस तिथि को बदल कर 4 मई कर दिया।
अब 1 मई को स्कूलों में स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं होंगे जबकि कई विद्यार्थी 1 मई को अपने परिणाम जानने के लिए स्कूलों में पहुंचेंगे। तब उन्हें 4 मई की तारीख दी जाएगी। जबकि शिविरा कैलेण्डर के अनुसार 1 मई से नया शिक्षण सत्र 2017-18 शुरू होना है।
संस्कृत शिक्षा के 1 मई को ही जारी होंगे परिणाम
संस्कृत शिक्षा विभाग की स्कूलों में स्थानीय परीक्षाओ ंके परिणाम 1 मई को ही जारी होंगे। निदेशालय संस्कृत शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर संस्कृत स्कूलों के संस्था प्रधानों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई को ही परीक्षा परिणाम जारी करने को कहा है।
शिक्षा विभाग में तय समय पर शायद ही कोई काम होता होगा। परीक्षा करवाने से लेकर परिणाम जारी करने तक का कैलेण्डर जारी किया जाता है लेकिन शिक्षा सत्र समाप्त होते-होते कैलेण्डर की तय तिथियों पर कार्य सम्पन्न नहीं हो पाते।
शिक्षा निदेशालय में बैठे आला अधिकारी बिना कोई अन्वेषण किए परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण तिथियां तक तय कर देते है फिर बाद में उन्हें बदलना पड़ता है। ये प्रवृति पिछले दो सालों से ज्यादा बढ़ गई है।
परीक्षा तिथियों में संशोधन तो निदेशालय पहले ही किया जा चुका है। अब जब परिणाम घोषित करने का समय आया तो तिथियां तीसरी बार बदली गई है। पहले स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम पूरे राज्य में एक साथ 29 अप्रेल को जारी करने के आदेश थे।
फिर इन तिथियों में आंशिक संशोधन कर स्थानीय अवकाश वाले जिलों में 28 अप्रेल को परिणाम घोषित करने की तिथियां निर्धारित की गई तथा शेष जिलों में 29 अप्रेल की तिथि रखी गई।
इसके बाद 27 अप्रेल को शिक्षा निदेशालय ने फिर आदेश जारी कर राज्य में 1 मई को परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए कहा। अधिकारियों को 1 मई की तिथि भी रास नहीं आई और अगले ही दिन 28 अप्रेल को तीसरी बार आदेश जारी कर स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम 4 मई को जारी करने के निर्देश दिए गए है।
जिले के विद्यार्थी पहुंचे स्कूलों में
पहले से निर्धारित तिथियों के अनुसार जिले के विद्यार्थी शुक्रवार को अपने परीक्षा परिणाम जानने के लिए स्कूलों में पहुंचे। संस्था प्रधानों ने उन्हें 1 मई को परिणाम घोषित करने की जानकारी दी। परन्तु शाम तक निदेशालय ने इस तिथि को बदल कर 4 मई कर दिया।
अब 1 मई को स्कूलों में स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं होंगे जबकि कई विद्यार्थी 1 मई को अपने परिणाम जानने के लिए स्कूलों में पहुंचेंगे। तब उन्हें 4 मई की तारीख दी जाएगी। जबकि शिविरा कैलेण्डर के अनुसार 1 मई से नया शिक्षण सत्र 2017-18 शुरू होना है।
संस्कृत शिक्षा के 1 मई को ही जारी होंगे परिणाम
संस्कृत शिक्षा विभाग की स्कूलों में स्थानीय परीक्षाओ ंके परिणाम 1 मई को ही जारी होंगे। निदेशालय संस्कृत शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर संस्कृत स्कूलों के संस्था प्रधानों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई को ही परीक्षा परिणाम जारी करने को कहा है।
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