Sunday, April 30, 2017

April 30, 2017

हजारों पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर, बनवा सकेंगे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट


अजमेर।
 राजस्थान सरकार के पेंशनर्स को डिजिटल जीवन-प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जिला कोषाधिकारी मनोजकुमार शर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 की बजट घोषणा के अनुसार राज्य सरकार के पेंशनर्स के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की सुविधा नवम्बर 2015 से लागू की गई है। 

इस सुविधा के माध्यम से पेंशनर्स अपने पेंशन वितरण एजेंसी अथवा बैंक के पास जाए बिना आधार बायोमेट्रिक का उपयोग कर जीवन प्रमाणन पोर्टल के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर सकते है।

पेंशनर्स के पास आधार नम्बर होने पर इससे लिंक करके स्वयं जीवन प्रमाण-पत्र के साथ पंजीकृत कर सकते हैं। 

उन्होंने बताया कि पेंशनर्स बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट अथवा आयरिश स्केनिंग यंत्र से घर बैठे ही डिजिटल जीवन-प्रमाण पत्र जमा करवा सकते है। 

कॉमन सर्विस सेंटर, ई-मित्र कियोस्क अथवा इंटरनेट आधारित पर्सनल कम्प्यूटर पर डिजिटल जीवन-प्रमाण पत्र बनाने के लिए पीपीओ अथवा एफपीओ नम्बर, आधार कार्ड एवं बैंक खाता पासबुक का विवरण पास में होना आवश्यक है।

डिजिटल जीवन-प्रमाण पत्र एक अतिरिक्त सुविधा है। इसे राज्य सरकार द्वारा एैच्छिक किया गया है। पेंशनर्स पहले की भी तरह अपना जीवन प्रमाण-पत्र बैंक में स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकते हैं। पेंशनर्स शीघ्र प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर समय पर पेंशन मिलना सुनिश्चित कर सकते हैं। 


April 30, 2017

उदयपुर के कल्पित को मुख्यमंत्री ने दिया तोहफा, जेइई मेन्स टॉप करने पर भिजवाया आईपेड


जेईई मेन एग्जाम में ऑल इंडिया टॉप करने वाले उदयपुर के कल्पित वीरवाल को बधाई संदेश के साथ मुख्यमंत्री ने आईपेड 2 उपहार स्वरूप भेजा है। इस उपहार को लेकर कलक्टर रोहित गुप्ता, एसपी राजेन्द्र प्रसाद गोयल कल्पित के पुराना आरटीओ ऑफिस स्थित मकान पर पहुंचे और बधाई दी। 

मिठाई के साथ कल्पित और उसके पिता पुष्कर वीरवाल, मां पुष्पा वीरवाल को कलक्टर एसपी ने सरकार की ओर से इस कामयाबी के तौर पर बधाई दी। कल्पित और उसके पेरेंट्स केा मिठाई खिलाई। कल्पित को शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी की ओर से भी बधाई दी गई। गौरतलब है कि कल्पित वीरवाल ने जेईई मेन एग्जाम में 360 में से 360 अंक लाकर इतिहास रच दिया है। कल्पित अब जेईई एडवांस्ड की तैयारी में जुटा हुआ है। सीएम से पुरस्कार पाकर कल्पित बेहद खुश दिखा।


April 30, 2017

अब आंगनबाड़ी कर्मियों की मांग- राज्य कर्मचारी बनाए जाए हमें, मानदेय कम से कम 15,000 हो


जयपुर.
दुनियाभर में एक मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। ऐसे में छोटे तबके के लोग स्वयं को सशक्त कराने की उम्मीद लिए सरकार की देहरी खटखटाते हैं। हालांकि, राजस्थान में आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने भी स्वंय को तत्काल राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग की है।

मानदेय कम से कम पन्द्रह हजार करे सरकार: संघ

राजधानी में आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने रविवार को मांग की कि उनका मानदेय कम से कम पन्द्रह हजार रुपए किया जाना चाहिए। अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के संस्थापक संरक्षक छोटेलाल बुनकर ने हथरोई क्षेत्र के एक होटल में सरकार के लिए यह कहा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में आंगनबाड़ी महिलाओं को मात्र 4300 रुपए का मानदेय मिलता है। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि महिला पर्यवेक्षक के रिक्त 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकताओं से भरे जाएं, आशा सहयोगनियों को एएनएम के समकक्ष मानते हुए चिकित्सा विभाग में पदस्थापन किया जाए, एएनएम भर्ती में बीस प्रतिशत पद आशाओं के लिए आरक्षित कर शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश देने चाहिए।

प्रदेशाध्यक्ष शशि योगेश्वर ने बताया कि यदि सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंगनबाड़ी महिला 3 मई, 14 व 15 जून को सांकेतिक कार्य बहिष्कार करेंगी। यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो तीन माह बाद हड़ताल की जाएगी।


April 30, 2017

distance education@इग्नू चलाएगा कंप्यूटर साक्षरता अभियान, प्रदेश में खुलेंगे 5 डिजीटल लर्निंग सेंटर

उदयपुर.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की अब तक दूरस्थ शिक्षा दिलवाने में महती भूमिका रही है। डिजीटल इंडिया के सपने को कंप्यूटर साक्षरता के माध्यम से ही पूर्ण किया जा सकता है। डिजीटल भारत के लिए गांवों में कंप्यूटर साक्षरता की जरूरत है। कंप्यूटर साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए इग्नू राजस्थान में 5 डिजीटल सेंटर खोलेगा। सरकार अनुमति देती है तो विश्वविद्यालय ने ब्लॉक, तहसील, पंचायत स्तर पर ई-मित्र के माध्यम से कंप्यूटर प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की है।

यह जानकारी क्षेत्रीय सेवा विभाग के निदेशक डॉ. वीवी रेड्डी ने रविवार को उदयपुर में हुई इग्नू के समन्वयकों की बैठक में दी। बैठक में बताया गया कि इग्नू की ओर से प्रदेश में जिला ब्लॉक स्तर पर 80 सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। प्रतिवर्ष इनमें करीब 60 हजार विद्यार्थी नामांकित होते हैं। कप्यूटर साक्षरता के लिए महिला, एससी, एसटी वर्ग के लोगों के लिए प्रशिक्षण की महत्ती जरुरत उत्पन्न हो गई है। इग्नू की ओर से देश के 3 हजार कॉलेज में स्टडी सेंटर चल रहे हैं, इनमें करीब 10 लाख विद्यार्थी नामांकित हैं।

ग्रामीणों को कंप्यूटर प्रशिक्षण

वक्ताओं ने कहा कि विश्वद्यिालय ने घर- घर इग्नू का नया नारा दिया है। इसके तहत ग्रामीणों को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा, युवाओं को डेयरी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कंप्यूटर साक्षरता के तहत विवि ने ग्रामीणों को 40 घंटे का प्रशिक्षण देने और आईटीसी के लिए 6 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कैदियों को देंगे उच्च शिक्षा

मुख्य अतिथि सुविवि के कुलपति प्रो. जेपी शर्मा थे। उन्होंने इग्नू के दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा के प्रयासों को बेहतर बताया। अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 16 केंद्रीय और जिला जेलों में कैदियों को निशुल्क उच्च शिक्षा दी जाएगी। जयपुर केन्द्र के सहायक क्षेत्रीय निदेशक कमलेश मीना ने बताया कि बैठक में प्रदेश के सभी जिले के 45 समन्वयक शामिल हुए।

Saturday, April 29, 2017

April 29, 2017

आज होगा राजस्थान विश्वविद्यालय का एकेडमिक सत्र पूरा,1 मई से गर्मियों का अवकाश

जयपुर।

राजस्थान विश्वविद्यालय का इस सत्र का एकेडमिक सत्र आज पूरा हो जाएगा। हालांकि एकेडमिक सत्र तीस अप्रैल तक होना था लेकिन कल रविवार अवकाश होने के कारण विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2016-17 का आज यह आखिरी दिन होगा। इसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में 1 मई से दो महीने का गर्मियों का अवकाश शुरू हो जाएगा। एकेडमिक सत्र खत्म होने के साथ ही अब छात्रसंघ पदाधिकारियों का कार्यकाल भी आज समाप्त हो जाएगा जिसके बाद उन्हें छात्रसंघ कार्यालय खाली करने होंगे।

साथ ही विश्वविद्यालय के केंद्रीय छात्रसंघ कार्यालय का कब्जा फिर से छात्र कल्याण अधिष्ठाता को संभलाना होगा। हालांकि अभी प्रोफेशनल पाठयक्रम एलएलबी, बीबीए, बीसीए की परीक्षाएं होना बाकी हैं। साथ ही यूजी व पीजी की परीक्षाएं जारी हैं। लेकिन अवकाश के दौरान विश्वविद्यालय के सभी प्रशासनिक कार्य होते रहेंगे और परीक्षाएं चलती रहेगी। साथ ही जो शिक्षक परीक्षा कार्यों में लगे हुए है उनके लिए अवकाश नहीं रहेगा बल्कि अवकाश के दौरान परीक्षाओं व अन्य कार्यों के लिए जो शिक्षक कार्य संभाल रहे है उन्हें विश्वविद्यालय के नियमानुसार ही छुट्टियां मिलेगी।

15 जून तक जारी किया जाएगा रिजल्ट। सभी यूजी और पीजी की परीक्षाओं के परिणाम 15 जून तक घोषित कर दिए जाएंगे। जिसके बाद जून माह में आगामी सत्र 2017-18 के लिए प्रवेश प्रकिया शुरू होगी। लेकिन विश्वविद्यालय में एसओजी की कार्रवाही होने के कारण इस बार समय पर परीक्षा जारी होने में संदेह उत्पन्न हो रहा हैं। 

April 29, 2017

उच्च न्यायालय ने दिए आदेश, अगामी भर्ती होने तक वर्तमान पदों पर कार्य करते रहेगें कार्मिक

टोंक

टोंक. जिले की गणेती ग्राम पंचायत के  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में निजी सहभागिता (पीपीपी मोड़) पर कार्यरत संविदा कार्मिकों की सेवा समाप्ति से जुड़े मामले में उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राज्य सरकार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी टोंक को आदेश दिए हैं कि वे कार्मिकों से सीधे अनुबंध करें। आगामी भर्ती तक मौजूदा पदों पर उन्हें कार्य करने दें। अदालत ने इस बारे में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन को दो माह में निस्तारित करने के भी स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए हैं।

न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश गणेती प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पीपीपी मोड़ पर संविदा के आधार पर कार्य कर रहे सरजीतप्रसाद गुर्जर तथा 9 अन्य कार्मिकोंं की ओर से अधिवक्ता लक्ष्मीकान्त शर्मा के जरिए दायर याचिका की सुनवाई के बाद निस्तारण करते हुए दिए हैं। याचिका में बताया था कि याचिकाकर्ता करीब एक वर्ष से पीपीपी मोड़ पर  डॉ. एस. पी. सुद्रेना के अधीन संविदा पर कार्य कर रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक ने गत 6  अप्रेल को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन संतोषजनक नहीं होना बताकर 4 मई 2017 के बाद इनका अनुबंध निरस्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए। अनुबंध निरस्त किए जाने से याचिकाकर्ताओं की भी सेवाएं समाप्त हो रही हैं। अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के साथ विभाग सीधा अनुबंध करे और याचिका में उठाए गए मामले का दो माह में निपटारा करे।

April 29, 2017

राजस्थान हाईकोर्ट में LDC व स्टेनोग्राफर भर्ती: 2 मई तक फीस जमा ना कराने पर रद्द होगा परीक्षा फॉर्म

जोधपुर
राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन की ओर से जिला न्यायालयों में कनिष्ठ लिपिक (एलडीसी) और आशुलिपिक के रिक्त पदों पर आयोजित की जा रही सीधी भर्ती, 2017 में बिना परीक्षा शुल्क के जमा करवाए गए परीक्षा फॉर्म र² हो जाएंगे। बिना फीस आवेदन जमा करवाने वाले करीब 90 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को 2 मई तक फीस जमा करवाने का अवसर दिया गया है।

नियमानुसार बिना परीक्षा शुल्क के जमा करवाया गया आवेदन र² किया जा सकता है, लेकिन ऐसे अभ्यर्थियों का आवेदन पत्र खारिज करने से पहले उच्च न्यायालय प्रशासन ने न्यायहित में उनको शुल्क जमा करवाने का अंतिम अवसर दिया है। रजिस्ट्रार (परीक्षा) की ओर से 22 अप्रेल को जारी सूचना के मुताबिक फीस जमा करवाने से वंचित अभ्यर्थियों को 25 अप्रेल से 2 मई तक ऑनलाइन फीस जमा करवाने का अंतिम अवसर दिया गया है। फीस ऑनलाइन भुगतान करके अथवा ई-मित्र सेवाओं का उपयोग करके जमा करवाई जा सकती है।

उच्च न्यायालय की वेबसाइट http://rhcexam.raj.nic.in/ पर कनिष्ठ लिपिक पद के 86 हजार 345 व स्टेनोग्राफर के 4 हजार 886 अभ्यर्थियों की सूची अपलोड की जा रही है, जिन्होंने फीस जमा नहीं करवाई थी। इस सूची में शामिल सभी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन फीस जमा करवानी होगी। इस सूची में से 2 मई तक परीक्षा शुल्क के भुगतान में असफल रहने वाले अभ्यर्थियों की अभ्यर्थिता बिना किसी अग्रिम सूचना के र² कर दी जाएगी। आशुलिपिक परीक्षा 29 मई से जयपुर में आयोजित की जाएगी। जिसका विस्तृत कार्यक्रम भी जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।  

April 29, 2017

ढोल-नगाड़ों के साथ रैली निकाल कर रहे है मनुहार


टोंक

मालपुरा .प्रवेशोत्सव के प्रथम चरण में शनिवार को राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय पारली में विद्यार्थियों व शिक्षकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जागरूकता रैली निकालकर ग्रामीणों से अपने बच्चों का प्रवेश सरकारी विद्यालय में कराने को कहा। प्रधानाचार्य रामधन चौधरी, अरुणा पाराशर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व विद्यार्थियों के सहयोग से घर-घर सम्पर्क कर सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिलाने की मनुहार की। विद्यालय में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। उल्लेखनीय है कि उपखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों को नामांकन बढ़ाने के लिए लक्ष्य दिए गए हैं।

15 मेधावी छात्राओं को मिली स्कूटी

मालपुरा. मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के अन्तर्गत राजकीय महाविद्यालय में शनिवार को प्राचार्य डॉ. बी. एल. दायमा ने 15 छात्राओं को स्कूटी का वितरण किया। सादा समारोह में प्राचार्य डॉ. बी. एल. दायमा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से मेरिट के अनुसार स्कूटी दी जाती है।

 छात्राओं के लिए नि:शुल्क साइकिल, मेधावी विद्यार्थियों के लिए लेपटॉप योजना, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना चलाई हुई है। समारोह में उपाचार्य डॉ. बी. एल. मीणा, डॉ. पुनित बंसल, डॉ. जी. एल. गुप्ता, डॉ. एन. के. मीणा, डॉ. अली हसन. डॉ. आर. एन. बैरवा, डॉ. लक्ष्मी शर्मा सहित महाविद्यालय के व्याख्याता व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

April 29, 2017

छात्राओं को मिलेगा ठंड़ा पानी, प्रधान ने वाटर कूलर लगाने की घोषणा की


टोंक
देवली. बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत शनिवार को क्षेत्र की विभिन्न राजकीय स्कूलों में कक्षा 9 में अध्ययनरत छात्राओं को नि:शुल्क साइकिलें वितरित की गई। देवली गांव में आयोजित कार्यक्रम में प्रधान शकुंतला वर्मा, सरपंच मंजू देवी, प्रधानाचार्य अनिता लाठी ने 28 छात्राओं को साइकिलें वितरित की। प्रधान ने कहा कि छात्राएं साइकिल का उपयोग शिक्षा में करें। इस दौरान शाला समिति अध्यक्ष शिवराज गुर्जर, भाजयुमो देहात उपाध्यक्ष अजय सिंह शक्तावत आदि मौजूद थे। प्रधान ने कार्यक्रम में स्कूल में वाटर कूलर लगाने की घोषणा की। इधर, पनवाड़ गांव में सरपंच मंजू देवी, प्रधानाचार्य हंसराज मीणा, गजराज सिंह राजावत आदि ने 38 छात्राओं को साइकिलें वितरित की। इस दौरान ग्रामीण महावीर माली, शराफत अली, राजेश पारीक, गोपाल सुराणा आदि उपस्थित थे।

देवली के पनवाड़ गांव में शनिवार को नवीं कक्षा की छात्राओं को साइकिल वितरित करते अतिथि।

छात्राओं को मिली साइकिलें

मालपुरा. राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 9 की 41 छात्राओं को साइकिलों का नि:शुल्क वितरण प्रधानाचार्य बीना बेदी ने वितरण किया। समारोह में प्रधानाचार्य ने कहा कि सरकार की ओर से बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। साइकिलें मिलने से छात्राओं को घर से विद्यालय आने व जाने में आसानी होगी। साइकिलें मिलते ही छात्राओं के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर कार्यालय सहायक अशोक काबरा सहित शिक्षिकाएं व छात्राएं भी मौजूद थी।

Friday, April 28, 2017

April 28, 2017

सीबीएसई की परीक्षाएं होंगी 29 को खत्म, अब रिजल्ट पर नजरें

अजमेर।

 सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं शनिवार को खत्म होंगी। दसवीं की परीक्षाएं पहले ही समाप्त हो चुकी हैं। बोर्ड कॉपियों की जांच करा रहा है। मई के दूसरे पखवाड़े में दसवीं और बारहवीं के नतीजे घोषित होंगे।

सीबीएसई की दसवीं (बोर्ड और स्कूल आधारित) परीक्षाएं अप्रेल के पहले पखवाड़े में खत्म हुई थी। बारहवीं कक्षा के दर्शनशास्त्र, उद्यमिता, मिडवाइफवरी, फूड सर्विस, ऑफिस प्रोसिजर एन्ड प्रेक्टिसेज, बेसिक कंसेप्ट ऑफ हैल्थ एन्ड डिसीज और अन्य पेपर शनिवार को होंगे।

इसके साथ ही बारहवीं की परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी। बोर्ड ने केंद्रीयकृत मूल्यांकन के तहत कॉपियां जंचवाना शुरू कर दिया है। मई के प्रथम पखवाड़े तक मूल्यांकन पूरा होगा।

पहले समीक्षा फिर परिणाम

कॉपियों का मूल्यांकन पूरा होने के बाद बोर्ड के अजमेर, इलाहाबाद, चेन्नई, नई दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, पटना, देहरादून रीजन की परिणामों की समीक्षा होगी। इसके आधार पर परिणाम घोषित होंगे।

फैक्ट फाइल

दसवीं-बारहवीं में कुल विद्यार्थी-27 लाख 66 हजार 860

बारहवीं में पंजीकृत छात्र-6, 38, 865, छात्राएं-4, 60, 026

दसवीं (बोर्ड अधारित) में पंजीकृत-7, 81, 463 स्कूल आधारित-8, 86, 506

अजमेर रीजन में कुल पंजीकृत विद्यार्थी -3, 10, 484

दसवीं में पंजीकृत विद्यार्थी-1, 79, 035

बारहवीं में पंजीकृत विद्यार्थी-1, 31,449

April 28, 2017

बोले शिक्षा मंत्री देवनानी-स्कूल में स्टूडेंट्स पढ़ेंगे महर्षि परशुराम की जीवनी

अजमेर।

शिक्षा एवं पंचायती राज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि युवा पीढ़ी को महर्षि परशुराम के जीवन चरित्र एवं आदर्शों से सीख लेने की आवश्यकता है।

धर्म की रक्षा के लिए महर्षि परशुराम का योगदान भारतीय संस्कृति में अद्वितीय है। अगले सत्र से स्कूलों के पाठ्यक्रम में महर्षि परशुराम का पाठ जोड़ा जाएगा।

साथ ही उनसे संबंधित पुस्तकें सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में भी रखवाई जाएगी। देवनानी ने यह बात भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में महर्षि परशुराम जयंती पर  राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल तोपदड़ा में आयोजित कार्यक्रम में कही।

देवनानी ने कहा कि महर्षि परशुराम शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता थे। जब-जब धर्म संकट में आया उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अद्वितीय योगदान दिया।

कोई भी पुराण परशुराम के बिना पूरा नहीं होता। युवा पीढ़ी को धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए परशुराम से यह सीख लेनी चाहिए। 

April 28, 2017

यूजीसी ने दिया universities को ये ऑर्डर, पीएचडी स्कॉलर्स के आधार नंबर रखें गोपनीय


अजमेर।

 विश्वविद्यालय शोधार्थियों के आधार नंबर वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे। आधार कार्ड अधिनियम के नियमों के चलते यूजीसी ने पुराने आदेश में संशोधन किया है। सभी विश्वविद्यालयों को इसकी पालना करनी जरूरी होगी।

विश्वविद्यालयों में कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विधि, प्रबंध अध्ययन और अन्य संकायों में विषयवार पीएचडी होती है।

वर्ष 2009-10 से यूजीसी पीएचडी और एमफिल में प्रवेश परीक्षा की अनिवार्यता लागू कर चुका है। कई विश्वविद्यालय शोधार्थियों की संख्या, टॉपिक, गाइड आवंटन, नामांकन और सूचनाएं सार्वजनिक नहीं करते।

इसके चलते यूजीसी ने 9 मार्च को आदेश जारी किए। इसमें विश्वविद्यालयों के लिए वेबसाइट पर एमफिल और पीएचडी में पंजीकृत शोधार्थी, शोध का टॉपिक, सुपरवाइजर और सहायक सुपरवाइजर का नाम, नामांकन/पंजीयन की तिथि, आधार कार्ड/फोटो पहचान पत्र की सूचना देना अनिवार्य कर दिया।

अधिनियम नहीं देता इजाजत

यूजीसी के सचिव प्रो. जसपाल सिंह सन्धु ने जारी आदेश में बताया कि आधार (वित्तीय, सब्सिडी, लाभांश और सेवा) अधिनियम-2016 के तहत आधार नम्बर को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित, मुद्रित और प्रकाशित नहीं किया जा सकता। इसके चलते विश्वविद्यालय शोधार्थियों के आधार नम्बर सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे। 

April 28, 2017

Rajasthan के स्टूडेंट्स को REET का इंतजार, डेढ़ साल से नहीं हुआ एग्जाम


अजमेर।

 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान ने अध्यापक पात्रता एवं भर्ती परीक्षा (रीट) के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

हालाकि राज्य सरकार की ओर से फिलहाल इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं। अलबत्ता किसी भी स्थिति में बोर्ड ने अपने स्तर पर प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी है।

बोर्ड की सभी परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। फिलहाल बोर्ड प्रशासन परिणाम जारी करने में जुटा हुआ है।

उसके बाद अगले छह माह तक बोर्ड के समक्ष कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं होगा। इसी अंतराल में ही शिक्षा बोर्ड रीट आयोजित करने की उम्मीद कर रहा है।

पिछले साल फरवरी में हुई थी

राज्य सरकार ने 15 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए पिछले साल 7 फरवरी को रीट का आयोजन किया था। फिलहाल परिणाम के आधार पर अध्यापक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।

लगभग एक साल गुजर जाने के बावजूद राज्य सरकार ने नई रीट की घोषणा नहीं की है। इस साल भी चार माह गुजर चुके हैं।

अध्यापक बनने की राह देख रहे प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को अब रीट का बेसब्री से इंतजार है। उम्मीद भी यही की जा रही है कि राज्य सरकार शीघ्र ही इसकी घोषणा करेगी।

बोर्ड को भर्ती एजेंसी बनने की उम्मीद

दरअसल राज्य सरकार ने 2011 और 2012 में आयोजित आरटेट सहित पिछले साल ली गई रीट की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को सौंपी थी। बोर्ड ने इन परीक्षाओं का आयोजन सफलता पूर्वक किया था।

इसलिए आगामी रीट के लिए भी बोर्ड प्रशासन को पूरी उम्मीद है कि सरकार की ओर से उसे ही भर्ती एजेंसी नियुक्त किया जाएगा। बोर्ड की सभी परीक्षाओं के परिणाम जून तक आ जाएंगे। उसके बाद रीट के लिए बोर्ड के पास पर्याप्त समय और संसाधन मौजूद होंगे।

फिलहाल रीट के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। लेकिन बोर्ड इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बोर्ड के पास रीट आयोजित करने का पूरा समय है। राज्य सरकार जब चाहेगी तब परीक्षा आयोजित कर ली जाएगी।

-प्रो. बी. एल. चौधरी, अध्यक्ष माशिबो राजस्थान 

April 28, 2017

शिक्षा विभाग ने तीसरी बार बदली स्थानीय परीक्षा परिणामों की तिथियां, अब 4 मई को होंगे जारी कक्षा 6, 7, 9 व 11 के परिणाम

बीकानेर

शिक्षा विभाग में तय समय पर शायद ही कोई काम होता होगा। परीक्षा करवाने से लेकर परिणाम जारी करने तक का कैलेण्डर जारी किया जाता है लेकिन शिक्षा सत्र समाप्त होते-होते कैलेण्डर की तय तिथियों पर कार्य सम्पन्न नहीं हो पाते।

शिक्षा निदेशालय में बैठे आला अधिकारी बिना कोई अन्वेषण किए परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण तिथियां तक तय कर देते है फिर बाद में उन्हें बदलना पड़ता है। ये प्रवृति पिछले दो सालों से ज्यादा बढ़ गई है।

 परीक्षा तिथियों में संशोधन तो निदेशालय पहले ही किया जा चुका है। अब जब परिणाम घोषित करने का समय आया तो तिथियां तीसरी बार बदली गई है। पहले स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम पूरे राज्य में एक साथ 29 अप्रेल को जारी करने के आदेश थे।

फिर इन तिथियों में आंशिक संशोधन कर स्थानीय अवकाश वाले जिलों में 28 अप्रेल को परिणाम घोषित करने की तिथियां निर्धारित की गई तथा शेष जिलों में 29 अप्रेल की तिथि रखी गई।

इसके बाद 27 अप्रेल को शिक्षा निदेशालय ने फिर आदेश जारी कर  राज्य में 1 मई को परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए कहा। अधिकारियों को 1 मई की तिथि भी रास नहीं आई और  अगले ही दिन 28 अप्रेल को तीसरी बार आदेश जारी कर स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम 4 मई को जारी करने के निर्देश दिए गए है।

जिले के विद्यार्थी पहुंचे स्कूलों में 

पहले से निर्धारित तिथियों के अनुसार जिले के विद्यार्थी शुक्रवार को अपने परीक्षा परिणाम जानने के लिए स्कूलों में पहुंचे।  संस्था प्रधानों ने उन्हें 1 मई को परिणाम घोषित करने की जानकारी दी। परन्तु शाम तक निदेशालय ने इस तिथि को बदल कर 4 मई कर दिया।

अब 1 मई को स्कूलों में स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं होंगे जबकि कई  विद्यार्थी 1 मई को अपने परिणाम जानने के लिए स्कूलों में पहुंचेंगे। तब उन्हें 4 मई की तारीख दी जाएगी। जबकि शिविरा कैलेण्डर के अनुसार 1 मई से नया शिक्षण सत्र 2017-18 शुरू होना है।

संस्कृत शिक्षा के 1 मई को ही जारी होंगे परिणाम 

संस्कृत शिक्षा विभाग की स्कूलों में स्थानीय परीक्षाओ ंके परिणाम 1 मई को ही जारी होंगे। निदेशालय संस्कृत शिक्षा  विभाग ने आदेश जारी कर संस्कृत स्कूलों के संस्था प्रधानों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई को ही परीक्षा परिणाम जारी करने को कहा है। 

April 28, 2017

यहां पांचवीं के बाद बच्चे छोड़ देते हैं पढ़ाई, पोषाहार के लिए भी शिक्षकों और बच्चों को करनी पड़ रही मशक्कत

मोहित शर्मा/ उदयपुर.

सरकार भले ही शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सबको शिक्षित करने की बात करे या फिर सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने की, ये सब बातें यहां आकर बेमानी साबित हो रही हैं। हम बात कर रहे उदयपुर मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित खेरा खेत गांव की। डाकन कोटड़ा ग्राम पंचायत के गांव खेरा खेत में आज भी बच्चे पांचवीं के बाद पढ़ाई नहीं करते। कारण हैं गांव में पांचवीं तक का ही स्कूल है। इसके बाद करीब 5 किलोमीटर तक कोई आठवीं या दसवीं का स्कूल नहीं है। साथ ही आने जाने के लिए कोई साधन भी नहीं हैं। गांव वालों का कहना है कि यहां आए दिन जंगली जानवरों का आतंक रहता है, जिसकी वजह से भी वे दूर अपने बच्चों को पढऩे नहीं भेज सकते।

यहां सरकार और विभाग को  भी बच्चों के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार जनप्रतिनिधियों से भी इस संबंध में बात की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

ये हैं हालात 

राजकीय प्राथमिक विद्यालय खेरा खेत में 48 का नामांकन है। इसमें से 9 बच्चे पांचवीं की परीक्षा दे चुके हैं। उन्हें अब कक्षा 6 में प्रवेश लेना है, लेकिन वे अब आगे पढ़ाई नहीं कर सकेंगे। परिजनों का कहना है कि गांव से 4-5 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई आठवीं का स्कूल नहीं है। दूर पढऩे जाने के लिए कोई साधन भी नहीं है। जंगली जानवरों का भी यहां आतंक है, जिसकी वजह से अभिभावक अपने बच्चों को दूर पढऩे नहीं भेजते।

शिक्षक सिर्फ एक 

राजस्थान पत्रिका ने पड़ताल ने पाया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय खेरा खेत में सिर्फ एक ही शिक्षक है। पोषाहार लेने जाना हो, किताबें लेने या फिर विभागीय कार्यालय से संबंधित कोई भी छोटा-बड़ा काम, स्कूल की छुट्टी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। अधिकारी दबी जुबान में बताते हैं कि रास्ता खराब होने से यहां कोई शिक्षक आना ही नहीं चाहता।

पोषाहार के लिए भी मशक्कत 

विद्यालय में पोषाहार खाने से पहले शिक्षक और बच्चों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। सप्लायर विद्यालय से करीब 5-6 किलोमीटर दूर धूल की पाटी विद्यालय में पोषाहार के गेहूं और चावल छोड़ जाता है।

रास्ता खराब होने की वजह से वह यहां तक नहीं आता। मजबूरी में शिक्षक को पोषाहार अपने स्कूटर पर रखकर यहां लाना पड़ता है। दूसरा कोई गाड़ी वाला भी यहां नहीं आना चाहता। रास्ता ऊबड़ खाबड़ और पथरीला होने से स्कूटर नहीं चलता है। एेसे में विद्यालय के बच्चों को पोषाहर का खाद्यान स्कूल तक पहुंचाने के लिए शिक्षक के स्कूटर को धक्का लगाना पड़ता है। परेशानी यहीं खत्म नहीं होती, पोषाहार के गेहूं स्कूल पहुंचने के बाद पिसवाने के लिए यही प्रक्रिया दोहराई जाती है।

पांचवीं के बाद पढ़ाई छोड़ रहे बच्चे 

पोषाहर सामग्री लाने के लिए करीब 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। कई बार अधिकारियों को बताया, कोई सुनवाई नहीं होती। उच्च प्राथमिक विद्यालय नहीं होने से इस गांव के बच्चे 5 वीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं।

सुरेश पटेल, शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, खेरा खेत 

उच्च प्राथमिक स्कूल नहीं 

करीब 4-5 किलोमीटर के एरिया में उच्च प्राथमिक स्कूल नहीं है, जिसकी वजह से बच्चे 5 वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं। हमने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।

वीरेन्द्र यादव, ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, गिर्वा 

Thursday, April 27, 2017

April 27, 2017

जेईई मैन्स में बीकानेर के रितेश कुमार की 42वीं रैंक

जेईईमैन्स परीक्षा में बीकानेर के रितेश कुमार ने जनरल में अखिल भारतीय स्तर पार 42वीं रैंक हासिल की है। रितेश के 360 में 328 नंबर आए हैं। इस परीक्षा में करीब साढ़े बारह लाख स्टूडेन्ट्स बैठे थे। 

अपनी सफलता पर उत्साहित रितेश ने भास्कर से बातचीत में कहा, सफल होने के लिए हार्ड कंपीटिशन के दौर में भी अपने आप को कूल रखना पड़ता है। इसके लिए यह जरूरी यह है कि आप जो भी काम कर रहे हो उसमें इंजाय करें। ऐसा करने से काम का प्रेशर केवल कम हो जाता है बल्कि उसको करते समय खुशी मिलती है। कम्प्यूटर साइंस के क्षेत्र में वह देश का नाम रोशन करना चाहता है इसलिए यह सब्जेक्ट चुना। रितेश के पिता जितेन्द्र प्रकाश किसान और मां सुनीता कुमारी रेलवे हॉस्पिटल में मैटर्न है। रितेश बताते हैं कि मम्मी-पापा तो उसे पढ़ने के लिए तैयार रहने में मदद करते थे और दीदी हर कांसेप्ट पर कंसीट्रेट करने में मदद करती थी। विदित रहे कि रितेश ने जेईई मैन्स की तैयारी कांसेप्ट इंस्टीट्यूट से की थी। 
April 27, 2017

शाला दर्पण पोर्टल का सर्वर डाउन, दो दिन में अपलोड नहीं हुआ रिजल्ट

शिक्षाविभाग ने स्कूली स्तर पर विभिन्न कक्षाओं के होम एग्जाम का रिजल्ट घोषित करने की तिथि में संशोधित किया गया है। छह, सातवीं और 9वीं कक्षा सहित अन्य कक्षाओं की स्थानीय परीक्षा का परिणाम अब एक मई को घोषित किया जाएगा। 

जबकि पूर्व में परिणाम 29 अप्रैल को जारी करने था। माध्यमिक शिक्षा निदेशक बी.एल.स्वर्णकार ने परीक्षा परिणाम घोषित करने की तिथि में संशोधन के आदेश जारी किए है। दरअसल, राज्य की करीब 13 हजार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छठीं-सातवीं सहित 9वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम इस बार ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था की गई है। 25 अप्रैल को होम एग्जाम समाप्त हुए है। ऐसे में संस्था प्रधानों को शाला दर्पण पोर्टल पर रिजल्ट अपलोड करने के लिए मात्र दो दिन का समय मिला। एक साथ इतनी स्कूलों की ओर से रिजल्ट अपलोड करने से शाला दर्पण पोर्टल का सर्वर डाउन होने के कारण अभी तक अनेक स्कूलों की ओर से पोर्टल पर रिजल्ट से संबंधित डाटा अपलोड नहीं हुए है। तिथि बढ़ने के बाद संस्था प्रधानों ने राहत की सांस ली है। अब संस्था प्रधानों को 30 अप्रैल तक रिजल्ट अपलोड करने का समय मिल गया है। 

शिक्षा विभाग ने तिथि बढ़ाई, अब एक मई को घोषित होगा परिणाम 
April 27, 2017

थर्ड ग्रेड टीचर्स की भर्ती का रास्ता साफ, 3 साल बाद जा सकेंगे शिक्षा विभाग में


जयपुर। राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले किए गए हैं। पंचायत राज विभाग के अधीन आने वाले तृतीय श्रेणी शिक्षकों को अब केवल तीन साल में ही शिक्षा विभाग में भेजा जा सकता है। ऐसे में पंचायत राज में तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की ज्यादा भर्ती हो सकेगी। यह हुए फैसले...

 
- कैबिनेट की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री की ओर से मीडिया की ब्रीफिंग देते हुए मंत्री यूनुस खान ने यह जानकारी दी।
- उन्होंने बताया कि पंचायत राज विभाग के अधीन काम करने वाले तृतीय श्रेणी शिक्षकों को शिक्षा विभाग के अधीन आने के संबंध में अब तक 5 साल का क्लॉज था। यानी वे पांच साल पंचायत राज के अधीन काम करने के बाद ही शिक्षा विभाग में पदोन्नत हो सकते थे, लेकिन अब इस क्लाॅज को 5 साल से कम कर 3 साल करने का फैसला किया गया है।
- इसका फायदा ये होगा कि शिक्षा विभाग के उच्च पदों पर खाली पड़े पदों को भरने के लिए पंचायत राज के शिक्षक जल्दी-जल्दी शिफ्ट होंगे।
- ऐसे में शिक्षा विभाग के खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरा जा सकेगा, शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
- इसके बाद पंचायत राज में खाली होने वाले पदों के लिए सरकार आमतौर पर हर साल रिक्तियां निकालकर भर्ती कर सकेगी।
- इसके अलावा कैबिनेट में कई अन्य फैसले भी किए गए।


April 27, 2017

बीमार व दिव्यांग कर्मियों के लिए पीएफ निकालना हुआ आसान


जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब बीमार और दिव्यांग कर्मचारियों को इलाज के लिए पीएफ से पैसा निकालने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं लगाना पड़ेगा। बल्कि वे स्वहस्ताक्षरित घोषणापत्र (सेल्फ डिक्लेयरेशन) के जरिए ही पीएफ निकाल सकेंगे।

इसके लिए श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी ईपीएफ स्कीम 1952 के अनुच्छेद 68जे तथा 68एन में संशोधन की अधिसूचना 25 अप्रैल को जारी कर दी है।

इससे पहले 20 फरवरी को ईपीएफओ ने पीएफ निकालने के इच्छुक कर्मचारियों के लिए दो ऐसे नए व सरलीकृत कंपोजिट क्लेम फार्म (आधार और नॉन आधार) जारी करने का एलान किया था, जिन्हें नियोक्ता के हस्ताक्षर के साथ संबंधित क्षेत्रीय ईपीएफओ कार्यालय में जमा कराया जा सकता है। इनमें फैक्ट्री बंद होने, आवास निर्माण या खरीद, बच्चों की शादी या शिक्षा तथा असामान्य जरूरतों के लिए अग्रिम लेने की खातिर किसी तरह का दस्तावेज लगाने की जरूरत खत्म कर दी गई थी। इन मामलों में कंपोजिट क्लेम फार्म आधार और नॉन आधार को ही स्वहस्ताक्षरित घोषणापत्र मानकर अग्रिम राशि स्वीकृत की जाएगी।


April 27, 2017

नदारद एमटी, तो शिक्षक कैसे बनेंगे पारंगत?


जैसलमेर. सरहदी जैसलमेर जिले में गत 24 अप्रेल को शुरू हुए एमटी (मास्टर ट्रेनर) आवासीय प्रशिक्षण शिविर के प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर ही गायब है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि विभागीय जिम्मेदारों की ओर से आयोजित शिविर के प्रति एमटी कितने गंभीर है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की ओर से हर साल ग्रीष्मकालीन अवकाश में अध्यापकों को गुणवत्तापरक शिक्षा में पारंगत बनाने के लिए शिविर आयोजित किए जाते है और इन शिविरों से पहले संदर्भ व्यक्ति (मास्टर ट्रेनर) को प्रशिक्षण दिया जाता है। 

...फिर कैसे बनेगा अनुशासन

जानकारों की माने तो जब प्रशिक्षक ही प्रशिक्षण लेने के लिए गंभीर नहीं है, तो यहां आने वाले शिक्षकों को वे क्या सिखाएंगे। ऐसे में विद्यालयों में विद्यार्थियों को कैसे गुणवत्तापरक शिक्षा तो दूर अनुशासित रहने का पाठ पढ़ाएंगे। 

38 फीसदी एमटी अनुपस्थित

ग्रीष्मकालीन शिक्षक प्रशिक्षण के लिए जिला मुख्यालय पर शुरू किए गए संदर्भ व्यक्ति आवासीय प्रशिक्षण शिविर के पहले चरण में दो विषय हिन्दी व पर्यावरण विषय का शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर के पहले तीन दिनों में ३८ फीसदी एमटी अनुपस्थित रहे। जानकारों के अनुसार हिन्दी विषय में कुल 16 एमटी को प्रशिक्षण दिया जाना था, लेकिन इनमें से 12 एमटी व पर्यावरण विषय में 18 में से नौ एमटी ही उपस्थित थे, जबकि शिविर में दोनों विषयों में 13 एमटी अनुपस्थित रहे। 

फैक्ट फाइल

- 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण चल रहा है जिले में। 

- 2 विषयों हिन्दी व पर्यावरण विषय में एमटी ले रहे प्रशिक्षण।

- 3 दिनों से नहीं आए संदर्भ व्यक्तियों को जारी किए नोटिस। 

- ३४ संदर्भ व्यक्तियों को दिया जा रहा है जिला मुख्यालय  पर  प्रशिक्षण। 

- 21 एमटी तीन दिन से दे रहे शिविर में उपस्थिति। 

- 13 एमटी तीन दिनों से शिविर में अनुपस्थित। 

जारी किया है नोटिस, होगी कार्रवाई

डाइट की ओर से ग्रीष्मकालीन शिक्षक प्रशिक्षण से पूर्व संदर्भ व्यक्ति एमटी का प्रशिक्षण शुरू किया गया था, लेकिन दो विषयों के पहले शिविर में 13 एमटी अनुपस्थित रहे। इन सभी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। सभी को नोटिस भेज दिया गया है। 

- लक्ष्मीदेवी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, जैसलमेर


April 27, 2017

जैसलमेर से पीछाकर भतीजे की जगह पेपर दे रहे चाचा को अलवर में पकड़वाया

अलवर.

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से  बुधवार को आयोजित वरिष्ठ अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा में अलवर के एक परीक्षा केन्द्र पर भतीजे की जगह परीक्षा देते पुलिस ने चाचा को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपित जैसलमेर के राजकीय महाविद्यालय में हिन्दी का असिस्टेंट प्रोफेसर है। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रोफेसर को पकड़वाने वाला जैसलमेर से ही पीछे लगा रहा और उसे अलवर आकर पकड़वा दिया।

सदर थाना प्रभारी कावेन्द्र सिंह ने बताया कि चिकानी रोड स्थित लार्ड्स इंटरनेशनल स्कूल में बुधवार को परीक्षार्थी गिर्राज मीणा के स्थान पर उसका चाचा परीक्षा दे रहा था। इसका पता केन्द्र पर आई एक शिकायत से चला।

इसके बाद जब केन्द्राधीक्षक सुरेश कुमार ने परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र पर लगे फोटो व हस्ताक्षर को मैच कराया तो मामले का खुलासा हुआ। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और अपने भतीजे की जगह परीक्षा दे रहे प्रोफेसर चाचा दौसा निवासी रमेशचंद मीणा पुत्र पांचूराम मीणा को गिरफ्तार किया।

पास होने का था भरोसा

पुलिस पूछताछ में आरोपित रमेश मीणा ने बताया कि उसका भतीजा गिर्राज पढ़ाई में कमजोर था। वहीं, उसे परीक्षा में पास होने का पूरा भरोसा था। अपने भतीजे को परीक्षा में पास कराने के लिए वह उसकी जगह परीक्षा देने आया। गौरतलब है कि रमेश मीणा जैसलमेर के राजकीय महाविद्यालय में चार साल से हिन्दी के व्याख्याता के पद पर कार्यरत है।

परीक्षा शुरू होने से पहले ही पहुंची शिकायत

केन्द्र पर फर्जी अभ्यर्थी के परीक्षा देने की शिकायत केन्द्र के डायरेक्टर को परीक्षा शुरू होने से पहले ही मिल गई थी। केन्द्राधीक्षक के अनुसार परीक्षा शुरू होने से पहले एक व्यक्ति केन्द्र पर आया और गेट पर तैनात गार्ड को एक पर्ची दे गया। पर्ची में फर्जी अभ्यर्थी का रोल नम्बर, नाम सहित फोटो भी फर्जी अभ्यर्थी की लगी होने की जानकारी लिखी थी।

गार्ड ने यह पर्ची स्कूल के डायरेक्टर को दी। जिसे उन्होंने परीक्षा शुरू होने पर जांच टीम को दिया। जांच टीम जब फर्जी अभ्यर्थी के प्रवेश पत्र पर लगे फोटो व हस्ताक्षर की जांच कर रही थी, तभी सदर थाना पुलिस सेन्टर पर आ गई। जिसे देखते ही फर्जी अभ्यर्थी भागने लगा और पुलिस ने उसे दबोच लिया।

April 27, 2017

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर कसी लगाम, अब पीईईओ से लेनी मंजूरी

अलवर.
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब नए शिक्षा सत्र से पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी से आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कराना होगा। पीईईओ को इस संबंध में जारी आदेश में बताया गया है कि संकुल केन्द्र प्रभारी और संकुल संदर्भ केन्द्र का प्रभारी पीईईओ को घोषित किया गया है।

माह के अंतिम कार्य दिवस पर पीईईओ सम्बन्धित संस्था प्रधानों की बैठक लेंगे तथा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों का आकस्मिक अवकाश भी यही स्वीकृृत करेंगे। इसके अलावा जो विद्यालय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में हैं उनमें बीईईओ ही अवकाश स्वीकृत करेंगे।

पीईईओ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी शिक्षकों की एसीआर भी पीईईओ के माध्यम से भरी जाएगी। सभी विद्यालयों की प्रारम्भिक  जांच भी पीईईओ के माध्यम से की जाएगी।

राजस्थान शिक्षक व पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश मीणा ने बताया कि आगामी दिनों में 17 सीसीए का नोटिस देने का अधिकार पीईईओ को दिए जाने की सम्भावना है। यह प्राथमिक शिक्षा के ढांचे को पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास है।

April 27, 2017

दो बेटियों ने सालभर निशुल्क पढ़ाया, बच्चे पढ़ते हैं किताब


सिरोही

 गुलाबगंज स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का दानदाताओं के भरोसे कायाकल्प किया जा रहा है। यहां प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने को शिक्षक नहीं थे तो गांव की दो बेटियों ने साल भर बच्चों को निशुल्क पढ़ाया। नतीजतन आज प्राथमिक कक्षाओं के बच्चे न सिर्फ फर्राटे से किताब पढ़ते हैं बल्कि व्यावहारिकता के मामले में भी खासे आगे हैं।

ऐसे ली पढ़ाने की जिम्मेदारी

यहां सरकारी स्कूल में प्रार?िभक शिक्षा देने के लिए एक भी शिक्षक नहीं था। ऐसे में कार्यवाहक प्रधानाचार्य व एसडीएमसी की ओर  से विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षक उपलब्ध कराने की अपील की गई। इस पर गांव की स्नातक शिक्षा प्राप्त कर रही दो बेटियों ने हामी भरी और वह भी निशुल्क। गांव की दिव्या पुत्री जितेन्द्रकुमार पुरोहित और विन्रमता कुमारी पुत्री दयालाल दवे ने अक्टूबर महीने से स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और शैक्षणिक सत्र 2016-17 की समाप्ति तक पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को शिक्षा दी।

जन सहयोग से बदली तस्वीर

गुलाबगंज स्कूल को ग्रामीणों व भामाशाहों का जनसहयोग भी ऐसा मिला कि स्कूल की तस्वीर ही बदल गई। स्कूल के मु?य द्वार पर गड्ढे थे। समतल नहीं होने के कारण विद्यार्थियों व शिक्षकों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। इस समस्या को ग्रामीणों से देखा नहीं गया और एकजुट होकर साढ़े छह सौ टोली मिट्टी डलवाई। इसके बाद स्कूल में समतीलीकरण का कार्य किया गया। यहीं नहीं बारिश में छत से पानी टपकता था। इसमें भी भामाशाह ने सहयोग किया। 50 हजार रुपए से बरामदे की मर?मत करवाकर विद्यार्थियों को राहत पहुंचाई।

क्रमोन्नत हो गया पर शिक्षक नहीं मिले

रेवदर ब्लॉक में हमेशा शिक्षकों की कमी ही रही है। गुलाबगंज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी यहीं समस्या है। जबकि यह स्कूल हाईवे पर आया हुआ है। इस स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए तो एक भी शिक्षक नहीं है। स्कूल क्रमोन्नत होने के बावजूद भी प्रधानाचार्य समेत 13 पद रिक्त हैं। वर्तमान में हिन्दी व्या?याता महेश शर्मा, इतिहास के व्या?याता शैतानसिंह देवड़ा समेत दो वरिष्ठ अध्यापक एवं एक शारीरिक शिक्षक कार्यरत हैं।स्कूल उपलब्धि

पर एक नजर

 पहली से बारहवीं कक्षा नामांकन 291 हैं

 दसवीं बोर्ड का परिणाम 80 प्रतिशत से ऊपर।

 दसवीं कक्षा के दो विद्यार्थियों का लेपटॉप के लिए चयन।

  फर्नीचर ग्रामीणों ने स्कूल को भेंट किया।

पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षक ही नहीं थे। स्वतंत्रता दिवस व एसडीएमसी बैठक में ग्रामीणों के सामने समस्या रखी तो गांव की दो बालिकाएं पढ़ाने के लिए आगे आईं। नतीजा सबके सामने हैं।

महेश शर्मा, कार्यवाहक, प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुलाबगंज


April 27, 2017

कोटा में बजे खुशियों के ढोल, जेईई मेंस में कल्पित ने रचा इतिहास

कोटा. ज्वाइंट इंट्रेन्स एग्जाम जेईई मेंस में उदयपुर के  छात्र कल्पित वीरवाल ने इतिहास रचा है। इतिहास में पहली बार उन्होंने 360 अंकों में से 360 अंक प्राप्त किए हैं।

इस छात्र ने उदयपुर में ही कोटा के कोचिंग संस्थान की ब्रांच से तैयारी की थी। उधर, कोटा कोचिंग संस्थानों में तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी बड़ी संख्या में इस परीक्षा में सफलता मिली है।

सीबीएसई की ओर से गत 2 अप्रेल को ऑफलाइन और 8 अप्रेल को ऑनलाइन एग्जाम आयोजित किया गया था। जेईई मेंस का परिणाम घोषित होने के साथ ही सीबीएसई ने जेईई एडवांस के लिए सफल होने वाले 2 लाख 20 हजार स्टूडेंट की सूची भी जारी कर दी है।

इस स्कोर में अंकों के साथ स्टेट्स भी दिया है। इससे पता चला जाएगा कि स्टूडेंट सफल रहा या नहीं।

कोटा में जश्र का माहौल

जेईई मेंस का परिणाम आने के साथ ही कोटा में जश्र का माहौल हो गया। कोचिंग क्षेत्र में उत्साहित छात्र सड़कों पर निकल आए। उन्होंने ढोल की थाप पर जमकर डांस किया। जोरदार आतिशबाजी की। बड़ी संख्या में कोटा के छात्रों के सफल होने पर संचालकों ने भी इस खुशी में हिस्सा लिया। उन्होंने विद्यार्थियों का मुंह मीठा कराया। सैकड़ों विद्यार्थियों वाहनों पर रैली के रूप में निकले।

कट ऑफ स्कोर

कॉमन रेंक लिस्ट 81

एससी 49

एसटी 27

April 27, 2017

अब विद्यार्थियों का अगला पड़ाव JEE advance


कोटा. जेईई मेन्स के बाद अगला पड़ाव एडवांस का है। इसकी परीक्षा 21 मई को होगी। 23 आईआईटी, एमएनआईटी व देश के प्रमुख इजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली इस परीक्षा के लिए देशभर के लगभग सभी बड़े शहरों में सेंटर बनाए गए हैं। आश्चर्यजनक यह है कि देश की कोचिंग सिटी कोटा में इसका सेंटर नहीं है।

जेईई एडवांस के पाइंटर्स

- 28 अप्रेल से जेईई एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन।

- 2 मई को शाम 5 बजे तक रजिस्ट्रेशन।

- 4 मई को शाम पांच बजे तक लेट फीस से रजिस्ट्रेशन।

- 10 से 21 मई तक प्रवेश पत्र जारी होंगे।

- 21 मई को एडवांस की परीक्षा।

- 9-12 सुबह पहला पेपर।

- 2-5 दोपहर दूसरा पेपर।

- 31 मई को ओआरएस शीट होगी जारी।

- 4 जून को आंसर-की होगी जारी।

- 11 जून को रिजल्ट जारी होगा।

- 19 जून से सीट एलोकेशन शुरू।

देश के बड़े शहरों में सेंटर

राजस्थान : जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, पिलानी, सीकर, टोंक।

मध्यप्रदेश : भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर।

छत्तीसगढ़ : भिलाई, बिलासपुर, रायपुर।

उत्तरप्रदेश : इलाहबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, अलीगढ़, बरेली, नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद।

हरियाणा : फरिदाबाद, गुडग़ांव, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत, रोहतक।

गुजरात : अहमदाबाद, भावनगर, भुज, राजकोट, सूरत, बड़ौदा।

बिहार : पटना, गया, कटिहार, मुज्जफरपुर।

झारखंड : बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर, रांची।

ओडीशा : बेरहमपुर, भुवनेश्वर, राऊकेला।

पश्चिम बंगाल : कोलकाता, सिलीगुड़ी, दुर्गापुर, खडग़पुर, कृष्णगढ़, मालदा।

दिल्ली : सेंट्रल, ईस्ट, वेस्ट, साउथ, नॉर्थ दिल्ली।

आंध्रप्रदेश : अनंतपुर, गुंटूर, नैल्लौर, ओंगोल, तिरुपति, विजयवाड़ा।

कर्नाटक : बेंग्लूरु, मंगलूरु, मैसूर।

केरल : कोच्चि, कोल्लीकोड़, तिरुअनंतपुरुम।

पंजाब : अमृतसर, भटिंडा, जालंधर, पटियाला, लुधियाना।

उत्तराखंड : देहरादून, हल्दवानी, रुड़की, हरिद्वार।

तमिलनाडु : चैन्नई, कोयम्मबटूर, मदुरई, सेलम।

तेलंगाना : हैदराबाद, मेहबूबनगर, निजामाबाद, वारंगल।

असम : गुवाहाटी, जोरहाट, सिलचर।

जम्मू कश्मीर : जम्मू।

गोवा: पणजी।

अरुणाचल प्रदेश : इटानगर

मणिपुर : इंफाल

मेघालय : सिलोन

अंडमान निकोबार : पोर्ट ब्लेयर

आंध्रप्रदेश : विशाखापट्टनम

सिक्किम : गंगटोक

त्रिपुरा : अगरतला

पांडूचेरी : पांडूचेरी

चंडीगढ़ : चंडीगढ़

हिमाचल प्रदेश : पालमपुर, शिमला।

श्रीलंका : कोलंबो

सिंगापुर : सिंगापुर

इथोपिया : एडिस अबाबा

यूएई : दुबई

नेपाल : काठमांडू

जेईई मेन्स फैक्ट फाइल

- 2 अप्रेल : जेईई मेन्स एग्जाम

- देश में 10 लाख 2 हजार 748 स्टूडेंट्स शामिल

- टॉप 2 लाख 20 हजार का जेईई एडवांस के लिए एग्जाम

- शहर में 18 केन्द्रों पर आयोजित हुआ एग्जाम

- 9321 स्टूडेंट्स ने दिया एग्जाम

जेईई मेन्स कट ऑफ

कैटेगरी / कट ऑफ स्कोर

कॉमन रैंक लिस्ट / 81

ओबीसी / 49

एससी / 32

एसटी / 27

April 27, 2017

जान जोखिम में डाल कर बच्चे जा रहे स्कूल

श्रीबिजयनगर.

 शहर के आन्नद नगर के विधार्थी पढाई करने के लिए प्रतिदिन अपनी जान जोखिम मे डालकर विद्यालय पंहचते है जिसका मुख्य कारण श्रीबिजयनगर मे रेलवे ओवरब्रिज का न होना । जानकारी के अनुसार श्रीबिजयनगर के नहर के दूसरी तरफ स्थित कॉलोनियों के बच्चे प्रतिदिन विद्यालय जाने के लिए रेल पटरियों से गुजर कर जाते है जिससे सदैव अनहोनी की आंशका बनी रहती है इसके अलावा उसी समय रेल का समय होता है जिस समय बच्चों का विद्यालय जाने का समय होता है । सुबह सवा ७ बजे बठिंडा की और जाने वाले ट्रेन का समय होता है और इसी दौरान स्कृली बच्चे यहा से अपना सफर तय करते है, अगर अभी इस पर रोकथाम के लिए प्रयास नही किए गए तो मासुम बच्चे कभी भी ट्रेन की चपेट मे आ सकते है ।

वहीं दूसरी और रेल लाइन पार मेन रोड या बस अड्डे पर जाने के लिए लोगों को रेल नियमों का हर रोज उल्लंघन करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण मेन रोड से कस्बे में प्रवेश करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा बनाए गए दोनों रेलवे क्रॉसिंग बहुत दूर होना है। जैतसर-श्रीबिजयनगर मार्ग पर 28 जीबी की पुलिया के पास बने रेलवे क्रॉसिंग और रायसिंहनगर मार्ग पर करणी जी नहर के पुल के पास बना क्रॉसिंग दोनों ही शहर के हृदय स्थल से पांच सौ मीटर से अधिक दूरी पर हैं। जबकि कस्बे के मुख्य मार्ग जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से नगर पालिका के आगे से होकर आता है, वहां से सीधे मेन रोड पर आने अथवा बस अड््डे पर जाने के लिए अवैध रूप से बने रेलवे क्रॉसिंग को पार करना पड़ता है। रेलवे लाइन पार करने के बाद दो सौ क्यूसेक पानी की क्षमता वाली करणी जी नहर पर चार फुट चौड़ाई का कच्चा-पक्का पुल बना है, उससे गुजर कर जाना पड़ता है। कई बार यह काफी जोखिम भरा हो जाता है। विशेषरूप से जब कस्बे से अनाज या अन्य खाद्यान्न दूसरे शहरों में ले जाने के लिए जब कभी मालगाड़ी का रैक लगता है, तब हालात और भी विकट हो जाते हैं।

यह रेलवे ट्रैक दो से तीन दिन तक खड़ा रहता है। मालगाड़ी के डिब्बे जैतसर और रायसिंहनगर मार्ग पर स्थित क्रॉसिंग के ठीक मध्य में लगाए जाते हैं, जहां वषों से नागरिकों ने अवैध क्रॉसिंग बना रखी है। मालगाड़ी की बोगी इस अवैध मार्ग के ठीक सामने आने के बाद लोग डिब्बे के नीचे से जान जोाखिम में डाल कर यहां से गुजरते हैं। कई बार हड़बड़ी में लोग रेल लाइन से या वहां पड़े पत्थरों से टकराकर चोटिल भी हो चुके हैं।

इस अवैघ क्रॉसिंग से मात्र 50 फीट की दूरी पर स्टेशन मास्टर एवं 50 मीटर की दूरी पर पुलिस थाना है, लेकिन कोई भी अधिकारी नागरिकों को जान जोखिम में डालकर अवैघ क्रॉसिंग को पार करने से नहीं रोकता। (एसं.) ओवरब्रिज बने तो मिले राहत श्रीबिजयनगर स्टेशन पर ओवरब्रिज की जरूरत वर्तमान मे है नागरिक अपनी जान जोखिम मे डालकर गाडी के नीचे से निकलते है, रेलवे विभाग को पूर्व मे पत्र भेज निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के साथ ही ओवरब्रिज के निर्माण करवाने की मांग की गई है- रामदास सोनी, पार्षद, नगरपालिका, श्रीबिजयनगर

April 27, 2017

Made in kota : कोचिंग का 'कोटा स्टाइल' और कहीं नहीं


मैं पूर्व उत्तरप्रदेश के कुशीनगर जिले से हूं। मेरा गांव कोटा से करीब एक हजार किमी दूर है। मुझे इंजीनियर बनना है और इसके लिए कोचिंग लेना जरूरी समझा। माता-पिता और परिवार वालों ने कोटा का नाम सुना था। 


उन्होंने यहां पढऩे भेज दिया। यहां आने के पहले मैंने दिल्ली, जयपुर के साथ ही अन्य शहरों के बारे में भी सोचा था, लेकिन तुलना करने पर सबसे अच्छा कोटा ही था।' 


कोटा में आईआईटी की कोचिंग ले रहे अमित कुमार की इस बात पर कोटा गर्व कर सकता है। और करे भी क्यों न, अमित कुमार जैसे हजारों बच्चे यही कहते हैं। उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम सभी ओर से स्टूडेंट्स कोटा खींचे चले आ रहे हैं। वे एक शानदार कॅरियर के लिए यहां कोचिंग ज्वाइन करते हैं और सफल होते हैं।


 'मेड इन कोटा' के इस अंक की लीड स्टोरी में गौरव शृंगी ने इस बात की ही पड़ताल की है कि आखिर कोटा कोचिंग में ऐसी क्या बात है, जो उसे अन्य शहरों से अलग और विशेष बनाती है। आप भी जानिए उन 10 पाइंट्स को। 


विश्वसनीय

सबसे बड़ा कारण यही है। इंजीनियरिंग और मेडिकल की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में यहां के स्टूडेंट्स टॉप करते आए हैं। और ऐसा नहीं है कि सिर्फ यहां से टॉपर ही निकलते हैं। यहां पढऩे वाले बच्चों में से करीब 80 फीसदी कॅरियर में सफल हो रहे हैं। कोचिंग संस्थान पैरेंट्स का भरोसा टूटने नहीं देते हैं। 


फैकल्टी 

स्टूडेंट्स को कौन पढ़ा रहा है, इसका यहां के संस्थान बेहद ख्याल रखते हैं। आईआईटी कोचिंग के लिए आईआईटीयन और मेडिकल के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से निकले एमबीबीएस, पीजी को फैकल्टी के तौर पर रखा जाता है। फैकल्टी चयन के लिए भी एक्जाम होता है। कुछ फैकल्टी की तनख्वाह का स्लेब तो कॉर्पोरेट कंपनियों के सीईओ से भी अधिक है। 


क्लास रूम 

आधुनिकतम तौर तरीकों से पढ़ाया जाता है। हवा प्रकाश का पूरा ख्याल रखकर स्टूडेंट्स को एक अच्छा माहौल देने की भरसक कोशिश की जाती है। प्रयास रहता है कि बच्चों को लगातार बैठकर पढऩे के बाद भी थकान महसूस न हो। ऑडियो विजुअल साधनों का भी इस्तेमाल किया जाता है। कोचिंग संस्थानों में प्रत्येक बैच में स्टूडेंट्स की संख्या निर्धारित है।


प्राब्लम सॉल्व सेक्शन 

कोचिंग का निर्धारित समय पूरा होने के बाद स्टूडेंट्स के लिए प्राब्लम सॉल्व सेक्शन बनाया गया है। एक हॉल में कई फैकल्टी बैठती हैं और स्टूडेंट्स के लिए भी विशेष बैठक व्यवस्था रहती है। बच्चे डिस्कस करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान वहीं फैकल्टी करती हैं। 


ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 

स्टूडेंट्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां स्टूडेंट्स के प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण होता है। जिसे उनके अभिभावक भी देख सकते हैं। इसमें अलग-अलग सवालों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार होती है। यहां छात्र के अंकों की तुलना टॉपरों के साथ की जाती है। इसके लिए एंड्रॉयड ऐप तक हैं।  


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हर संडे टेस्ट 

कोचिंग संस्थानों में प्रत्येक बैच का नाम अलग-अलग होता है। जैसे 11वीं के स्टूडेंट्स बुल्स आई, बारहवीं के स्टूडेंट्स की बैच का नाम स्टर्लिंग। एडमिशन के समय सभी स्टूडेंट्स एक ही स्तर से पढ़ाई शुरू करते हैं। इसके बाद प्रत्येक रविवार टेस्ट लिए जाते हैं और उनमें प्रदर्शन के आधार पर स्टूडेंट्स को अलग-अलग बैचों में बांट दिया जाता है। बैचों के नाम ए0, ए1, ए2, ए3, ए4, बी1, बी2 व बी3 आदि होते हैं। 


पैनी निगाह 

कोचिंग संस्थानों में सभी बैचों में पढ़ाई का तरीका अलग-अलग होता है। जैसे ए0 बैच में होनहार बच्चे शामिल होते हैं। इसके नीचे के बैच के छात्रों को ज्यादा मार्गदर्शन की जरूरत होती है। ऐसे में फैकल्टी इन बच्चों के लिए कड़ी मेहनत करती है। रिव्यू टेस्ट का रिजल्ट अभिभावकों को भेजा जाता है। 


फैकल्टी जिन स्टूडेंट्स को संभावित टॉपर मानती है, उन्हें निजी स्तर पर पढ़ाई एवं मार्गदर्शन की व्यवस्था होती है। ऑनलाइन टेस्ट पेपर एवं प्रत्येक रविवार को आयोजित टेस्ट से स्टूडेंट्स का विश्लेषण होता है। प्रत्येक टेस्ट में टॉप-50 स्टूडेंट्स के साथ कड़ी मेहनत की जाती है।


एक्मोडेशन 

हजारों बच्चों के रहने के लिए कोटा में सैंकड़ों होस्टल, पीजी रूम और प्रायवेट रूम उपलब्ध हैं। हर बजट में कमरे मिलते हैं। एयरकंडिशनर वाले रूम, कूलर वाले कमरे सबकुछ मौजूद हैं। गल्र्स के लिए पूर्ण सुरक्षा वाले कमरे और होस्टल भी हैं। ऐसा भी नहीं कि किसी एक इलाके में ही रहने की सुविधा है। शहर के हर कोने में बेहतर एक्मोडेशन उपलब्ध है। 


स्वादिष्ट भोजन 

मैस की सुविधाएं हर इलाके में मौजूद है। पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना आसानी से मिल जाता है। पिज्जा, बर्गर के साथही चाइनीज, इटेलियन फूड की पूरी रैंज भी उपलब्ध है। कोटा की कचौरी तो है ही। 


पीसफुल सिटी 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स के आंकड़े बताते हैं कि कोटा में क्राइम लगातार घट रहा है। छुटपुट वारदातों के अलावा कभी कोई बड़ा अपराध यहां नहीं देखा जाता है। गल्र्स के लिए भी बेहतर माहौल है। किसी भी प्रकार के अपराध को पनपने से पहले की खत्म करने पर भी यहां अच्छा कार्य हो रहा है। 


टाइम टेबल 

6 बजे सुबह से सभी कोचिंग्स में फस्र्ट बैच शुरू 

10 बजे रात तक कोचिंग में पढ़ाने का सिलसिला  

7 घंटे स्टूडेंट्स के बीतते हैं कोचिंग संस्थान में 

4 घंटे का करीब होमवर्क दिया जाता है 

6 घंटे की नींद का वक्त मिलता है हर स्टूडेंट को


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authorHello, my name is Jack Sparrow. I'm a 50 year old self-employed Pirate from the Caribbean.
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